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BJP नेता BS येदियुरप्पा की पोती सौंदर्या ने की आत्महत्या, चार महीने पहले बनी थीं मां

कर्नाटक के गृहमंत्री ने बताया- पोस्ट पार्टम डिप्रेशन से जूझ रही थीं सौंदर्या.

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पोती सौंदर्या और उनके पति के साथ बीएस येदियुरप्पा. ये तस्वीर सौंदर्या की गोदभराई के वक्त की है.
सीनियर बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की पोती सौंदर्या ने 28 जनवरी को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. सौंदर्या 30 साल की थीं, उनका शव सेंट्रल बेंगलुरु स्थिति उनके घर में मिला. सौंदर्या की हालत देखते ही परिवारवाले उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में लेकर गए. वहां डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि सौंदर्या की पहले ही मौत हो चुकी है. बेंगलुरु के बॉरिंग और लेडी कर्जन अस्पताल में सौंदर्या की बॉडी का पोस्ट मॉर्टम किया गया. सौंदर्या की मौत को लेकर फिलहाल बीएस येदियुरप्पा के परिवार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. हालांकि, कर्नाटक के गृहमंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने बताया कि चार महीने पहले ही सौंदर्या ने एक बच्चे को जन्म दिया था और उसके बाद से ही वो पोस्ट पार्टम डिप्रेशन यानी प्रसव के बाद होने वाले डिप्रेशन से जूझ रही थीं. उन्होंने कहा,
"इसमें कोई शक नहीं है. हम सबको पता था कि वो पोस्ट प्रेग्नेंसी डिप्रेशन से जूझ रही थीं. कुछ समय पहले येदियुरप्पा खुद उन्हें अपने साथ अपने घर लेकर गए थे ताकि वो खुश रहें. इस वक्त वो बेहद दुखी हैं."
क्या होता है Postpartum Depression? इसे समझने के लिए कुछ वक्त पहले मेरी साथी सोनल ने बात की थी डॉक्टर स्वाति से. डॉक्टर स्वाति साइकोलॉजिस्ट हैं. उन्होंने बताया था,
“प्रेगनेंसी के दौरान या बच्चा पैदा होने के बाद, कुछ-कुछ मूड फ्लक्चुएशन होना, चिड़चिड़ा जाना, रोना आना, थकान होना आदि नॉर्मल है. ये सब समय के साथ ख़त्म हो जाता है.लेकिन पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन उससे कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है. छोटी-छोटी बातों पर मन ख़राब हो जाता है, रोना आता है. अपने बच्चे के साथ बॉन्ड करना, जो कि नैचुरल है, इसमें भी दिक्कत आती है. कॉन्स्टेंटली अपने ऊपर डाउट होता है कि मैं एक अच्छी मां हूं या नहीं, मैं कभी अच्छी मां नहीं बन सकती. हमेशा यह सोचते रहना कि मेरे बच्चे को कुछ हो जाएगा. लोगों से कटा-कटा रहना, नींद और भूख में दिक्कत आना, ज़रूरत से ज़्यादा थकावट महसूस करना. ये सारे लक्षण पोस्टपार्टम डिप्रेशन के हैं.”
डॉक्टर स्वाति ने बताया था कि पोस्ट पार्टम डिप्रेशन को लाइटली लेना बेहद खतरनाक हो सकता है. उन्होंने बताया था कि अगर आपको लगातार मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन हो रहा है तो आप इस बारे में अपने किसी करीबी से बात कर सकती हैं. वो व्यक्ति कोई भी हो सकता है आपका पार्टनर, दोस्त या रिश्तेदार. अगर बात करके भी आप बेहतर फील न करें तो आपको साइकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए. वो थेरेपी और दवाओं की मदद से आपका इलाज करेंगे.