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लव-मैरिज तोड़ने से लड़की ने किया इनकार, सरपंच पति ने गांव के सामने पीटा

कोर्ट मैरिज कर गांव लौटी थी लड़की, वीडियो वायरल

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लड़की को पीटता हुआ सरपंचपति
एक तरफ़ देश में महिला सशक्तिकरण के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर अब भी महिलाओं के मौलिक और कानूनी अधिकारों का हनन हो रहा है. बिहार के पूर्णिया जिले के गणेशपुर गांव की सरपंच के पति ने भरी पंचायत में एक लड़की के साथ मारपीट की. मामला प्रेम विवाह का था और लड़का-लड़की ने घर से भागकर कोर्ट मैरिज कर ली थी. जब लड़की कोर्ट मैरिज के बाद वापस आई तो सरपंच के पति ने उस पर शादी तोड़ने के लिए एक एग्रीमेंट पर साइन करने को कहा. मना करने पर सरपंच पति ने लड़की को बुरी तरह पीटा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. क्या है पूरा मामला हमारे साथी संतोष कुमार ने बताया कि यह मामला प्रेम विवाह का है. लड़की का नाम सोनम है, जिसने पूर्णिया के ही बैरगाछी इलाके के एक लड़के से बीते 12 दिसंबर को कानूनी शादी कर ली थी. इसके बाद गणेशपुर की नवनिर्वाचित सरपंच किरण देवी के पति सुरेंद्र चौधरी ने लड़की पर शादी तोड़ने और एग्रीमेंट पर साइन करने का दबाव बनाया. लेकिन, लड़की ने हाथ-पैर जोड़ते हुए साइन करने से मना कर दिया. इस पर सुरेंद्र ने उसकी पिटाई की. सरपंचपति ने साजिश बताया undefined सरपंच के पति सुरेंद्र चौधरी ने मीडिया से बातचीत में अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए लड़की के घरवालों ने उनपर दबाव बनाया था. उन्होंने ये भी कहा कि इस घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने उनके साथ हिंसा की. उनका पर्स, मोबाइल और पैसे छीन कर उन्हें लाठी से पीटा. सरपंच पति का कहना है कि ये जोगानन्द की साजिश थी, जिसने वह वीडियो बनाया था. इसे लेकर सुरेंद्र चौधरी ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. क्या है लोगों की प्रतिक्रिया इस वीडियो के वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को टैग करते हुए लिखा कि यह महिला आरक्षण का दुरुपयोग है. अब भी महिला सीटों पर उनके पति ही काम करते हैं, इसलिए अब सरपंच पति, वॉर्डपति, मुखिया पति जैसे पदनाम चलने लगे हैं. लोग कह रहे हैं कि इन्हीं वजहों से महिला सशक्तिकरण केवल एक कागज़ी योजना बनकर रह जाती है. undefined बिहार में पंचायत चुनावों के नतीजे बीते हफ्ते ही आए हैं. ऐसे में कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अभी तो असली सरपंच किरण चौधरी ने विधिवत पद भी ग्रहण नहीं किया और उनके पति की हनक देखने को मिल रही है. लड़की बालिग है और उसे अपनी इच्छा से जीवनसाथी चुनने का अधिकार है. जब यह शादी कोर्ट द्वारा मान्य है तो लड़की की इच्छा के विरुद्ध उसे तुड़वाना और हिंसा का सहारा लेना अपने आप में कानूनन अपराध है. लड़की के परिवार वालों ने सरपंच पति के खिलाफ एसटी-एससी मामले में मुकदमा दर्ज कराया है. इस मामले को लेकर पूर्णिया के एसपी दयाशंकर ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।