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भारत में MeToo का बिगुल बजाने वाली तनुश्री ने लड़ाई छोड़ दी है!

एक्ट्रेस भावना मेनन का MeToo अनुभव रीपोस्ट करते हुए तनुश्री ने गहरी चोट करने वाला पोस्ट लिखा है.

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भावना मेनन साल 2017 में किडनैपिंग और यौन शोषण का शिकार हुई थीं. वहीं, तनुश्री दत्ता ने आरोप लगाया था कि 2008 में फिल्म हॉर्न ओके प्लीज़ की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उनका यौन शोषण किया.
भावना मेनन और तनुश्री दत्ता. इन दोनों में क्या कॉमन है? दोनों एक्ट्रेसेस हैं और दोनों ने ही अपने वक्त के नामी अभिनेताओं के खिलाफ MeToo कैम्पेन के तहत आरोप लगाए थे. अंतर क्या है? भावना ने इंसाफ के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी है, लेकिन इस सिस्टम ने तनुश्री को इतना निराश किया कि उन्होंने इस लड़ाई से दूरी बनाकर अपने लिए शांति को चुन लिया है.
दरअसल, साउथ इंडियन एक्ट्रेस भावना मेनन ने पांच साल पहले अपने साथ हुए यौन शोषण के मामले को लेकर पोस्ट लिखा है. इस पोस्ट में उन्होंने बताया है कि इन पांच सालों में उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया. उन्होंने अपने साथ खड़े लोगों का आभार व्यक्त करते हुए लिखा है कि वो ये लड़ाई रखेंगी. वहीं, भावना के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए तनुश्री ने उनकी हिम्मत की दाद दी. साथ ही बताया है कि अब वो इस विषय पर बात करना अवॉइड करती हैं क्योंकि ये उन्हें एंग्जायटी, डिप्रेशन और तकलीफ के अलावा कुछ नहीं देता. भावना ने क्या लिखा भावना ने लिखा,
"ये सफर आसान नहीं था. विक्टिम से सर्वाइवर बनने का सफर. बीते पांच साल से मेरे नाम और मेरी पहचान को उस अपराध के बोझ से दबाया जा रहा है जो मेरे साथ हुआ. मैंने कोई अपराध नहीं किया, लेकिन मुझे चुप कराने की, शर्मिंदा करने की और अलग-थलग कर देने की कई कोशिशें की गईं. पर ऐसे वक्त में कुछ लोग थे जिन्होंने मेरी आवाज़ को जिंदा रखा. आज जब मैं कई लोगों को अपने लिए आवाज़ उठाते देखती हूं तो मुझे पता चलता है कि इंसाफ की इस लड़ाई में मैं अकेली नहीं हूं.
मैं ये सफर जारी रखूंगी. इंसाफ के लिए, अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए और ये सुनिश्चित करने के लिए कि कोई और ऐसे मुश्किल दौर से न गुज़रे. जो मेरे साथ खड़े हैं उनका तहे दिल से शुक्रिया."
क्या हुआ था भावना के साथ? फरवरी, 2017 भावना अपनी कार से नैशनल हाईवे पर ट्रैवल कर रही थीं. इस दौरान सुनील कुमार उर्फ पल्सर सुनी नाम के एक शख्स ने उनकी कार में ही उनका अपहरण कर लिया. इस दौरान उसने भावना का यौन शोषण किया और उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें क्लिक कर लीं. आरोपी ने एक्ट्रेस के वीडियो भी बनाए. इस दौरान मामले के अन्य आरोपी उनकी कार के पीछे एक दूसरी गाड़ी से चल रहे थे. घटना के बाद मुख्य आरोपी एक्ट्रेस की कार से उतरकर दूसरी गाड़ी में बैठ गया और वो लोग मौके से फरार हो गए. जांच में सामने आया कि इस घटना की साजिश लंबे वक्त से चल रही थी और एक्ट्रेस के साथ काम कर चुका एक शख्स भी प्लानिंग का हिस्सा था. भावना ने एक्टर दिलीप पर आरोप लगाया था इस प्लानिंग के पीछे उनका हाथ है. उन्होंने कहा था कि दिलीप से उनकी अनबन है और इसी के चलते उन्होंने ये साजिश रची थी. Tanushree Dutta ने लिखा- ये केवल ऊर्जा की बर्बादी है भावना का ये पोस्ट एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने भी पोस्ट किया है. बता दें कि तनुश्री ने अक्टूबर, 2018 में नाना पाटेकर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने फिल्म 'हॉर्न ओके प्लीज़' की शूटिंग के दौरान उनका यौन शोषण किया था. भावना की तारीफ करते हुए तनुश्री ने अपने सफर के बारे में बताया. उन्होंने लिखा,
"ऐसे मुश्किल वक्त में आपके पास इमोशनल और फाइनेंशियल सपोर्ट होना ज़रूरी होता है. मुझे खुद को, अपनी ज़िंदगी को और अपने करियर को संभालना पड़ा.... उन सबने मुझे शर्मिंदा किया, छोटा महसूस कराया जिनके पास कुछ कहने या कर पाने की ताकत और प्लैटफॉर्म था. सारे फेक फेमिनिस्ट रातों रात गायब हो गए. मुझे बेसिक सर्वाइवल के लिए स्ट्रगल करना पड़ा. आंदोलनों से घर नहीं चलता!
ये शोबिज़ है और कहते हैं कि आप उतने ही अच्छे दिखते हैं जितना अच्छा आप महसूस करते हैं. 2008 के बाद 12 साल का एक लंबा वक्त मैंने बुरा महसूस करते हुए, घबराहट, डिप्रेशन, गुस्से और बुरा महसूस करते हुए गुज़ारा. क्रोनिक एन्जायटी के चलते मैं दो साल दवाओं पर रही. अब मैं नॉर्मल और बेहतर महसूस करती हूं क्योंकि मैंने इस टॉपिक को अवॉइड करदिया. हॉर्न ओके प्लीज़ की उस घटना के बाद एंग्जायटी, डिप्रेशन और PTSD के चलते मैं कई साल तक कोई काम ठीक से नहीं कर पाई.
Tanushree Post एक्ट्रेस तनुश्री की पोस्ट के एक हिस्से का स्क्रीनशॉट.

मैं हमेशा ऐसे नहीं रह सकती थी, इसलिए मैंने इसे इग्नोर करने का फैसला किया. ताकि मैं अपने काम और सेहत पर फोकस कर सकूं. ये विषय हमेशा गंभीर एंग्जायटी और स्ट्रेस लेकर आता है और ये मेरी सेहत को खराब कर रहा था. इससे मुझे कुछ नहीं मिल रहा था. मुझे कभी जस्टिस सिस्टम पर खास भरोसा नहीं रहा और इतने पुराने मामले में नतीजे की संभावना वैसे भी नहीं है. तो मैंने शांति को चुन लिया.
मुख्य गवाह चुप करा दिए गए. मेरी केस फाइल कोल्ड स्टोरेज में डाल दी गई और बार-बार कोशिश के बाद भी उस पर कुछ नहीं हुआ. जब कोई चाहता ही नहीं कि आप जीतो तो लड़ने का कोई मतलब नहीं है. ये केवल ऊर्जा की बर्बादी है."
बता दें कि भारत में मीटू मूवमेंट की शुरुआत तनुश्री ने ही की थी. यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद जिस तरीके से उन्हें अकेले छोड़ दिया गया और एक लंबी लड़ाई के बाद, जिस तरीके से उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े ये परेशान करने वाला है. 'जब कोई चाहता ही नहीं कि आप जीतो, तो लड़ने का कोई मतलब नहीं' उनकी ये लाइन बहुत गहरी चोट करती है. न सिर्फ हमारी संवेदनशीलता पर, बल्कि हमारी न्याय व्यवस्था और सेलिब्रिटी पूजने की व्यवस्था पर भी.