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बांग्लादेशः महिला ने बिंदी क्या लगा ली, पुलिस वाला अपना आपा खो बैठा

महिला ने कहा कि घटना के बाद से ही वो असुरक्षित महसूस कर रही हैं.

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इस घटना पर बांग्लादेश की सांसद सुबोर्ना मुस्तफा ने संसद में सवाल उठाए हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
बांग्लादेश की राजधानी ढाका. यहां एक प्राइवेट कॉलेज की प्रोफेसर ने एक पुलिस वाले पर शोषण का आरोप लगाया है. महिला की शिकायत के मुताबिक, उन्होंने बिंदी लगाई हुई थी. इसी को लेकर एक पुलिसवाले ने उन्हें धमकाया और उनका पीछा किया. इस घटना को लेकर 3 अप्रैल को शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई है. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, लता सुमाद्देर ढाका शहर के तेजगांव कॉलेज में पढ़ाती हैं. वो थिएटर और मीडिया स्टडीज़ की लेक्चरर हैं. 2 अप्रैल को कॉलेज के बाहर एक पुलिस वाले ने उन्हें रोक लिया. बिंदी लगाने को लेकर वो उन पर कमेंट करने लगा. लता की शिकायत के मुताबिक, जब उन्होंने इसका विरोध किया तो पुलिस वाला उन्हें धमकाने लगा. लता वहां से जाने लगीं तो पुलिसवाला बाइक से उनका पीछा करने लगा. बचने के लिए भागने की कोशिश में लता सड़क पर गिर गईं, इससे उन्हें चोट भी आई है. शेर-ए-बांग्ला पुलिस स्टेशन के सीनियर ऑफिसर उत्पल बारूआ ने बताया कि प्रोफेसर आरोपी पुलिसकर्मी का नाम नहीं बता पाईं थीं. हालांकि, उन्होंने उसके बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर पुलिस को दिया है.   ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, लता सुमाद्देर ने कहा कि घटना के बाद से ही वो असुरक्षित महसूस कर रही हैं. बांग्लादेश की संसद में उठा बिंदी लगाने पर धमकाने का मामला सुबोर्ना मुस्तफा. बांग्लादेश की सांसद और मशहूर अभिनेत्री हैं. उन्होंने 3 अप्रैल को संसद में ये मामला उठाया और आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा,
"बांग्लादेश के किस कानून में लिखा है कि औरत बिंदी नहीं लगा सकती. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो हिन्दू है, मुस्लिम है, क्रिश्चियन है, सिंगल है या शादीशुदा है या विधवा है. अगर वो बिंदी लगाना चाहती है तो वो लगा सकती है."
बिंदी को हिंदू औरतों के परिधान का हिस्सा माना जाता है. बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं. माना जा रहा है कि इसी वजह से बिंदी लगाने को लेकर अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. बात बिंदी की शुरू हुई है तो 2021 की दिवाली के दौरान भारत में बिंदी को लेकर मचे एक बवाल पर भी बात कर लेते हैं. कपड़ों का ब्रांड है फैब इंडिया. दिवाली से पहले ब्रांड ने एक ऐड कैम्पेन लॉन्च किया. नाम रखा जश्न ए रिवाज़. माने परंपराओं का त्योहार. पहले नाम को लेकर बवाल मचा. फिर कंपनी ने अपने कैम्पेन का नाम बदलकर रखा- झिलमिल सी दीवाली. इसके बाद फिर बवाल शुरू हुआ, इस बात को लेकर कि ऐड में किसी भी मॉडल ने बिंदी नहीं लगाई थी. लोगो ऐड को हिंदू विरोधी बताने लगे थे. लेकिन एक सवाल तब उठा था, वही सवाल अब भी है. क्या किसी औरत का बिंदी लगाना या नहीं लगाना, इतनी बड़ी बात हो सकती है कि उसे इसके लिए प्रताड़ित किया जाए?

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