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क्या वजह थी कि लड़के ने दुनिया के सामने अपनी ही बहन से शादी कर ली?

यूपी के फ़िरोज़ाबाद की घटना.

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प्रशासन ने सारा सामान और सरकारी सहायता भी वापस ले ली. (सांकेतिक तस्वीर)
हम भारत के लोग. संविधान की प्रस्तावना की ये पहली लाइन जब लिखी गई, तब अगर पैरोडी लिखने का दौर होता है तो कोई न कोई इसके साथ ज़रूर लिख देता, 'जुगाड़ में माहिर होते हैं.' टीवी न चले तो पीटने का जुगाड़, गाड़ी न चले तो रस्सी से बांधने का जुगाड़. जैसे छोटे-मोटे जुगाड़ तो हमारी रोजमर्रा का हिस्सा हैं. लेकिन फिरोज़ाबाद के एक शख्स ने जुगाड़ के चक्कर में एक्स्ट्रीम लेवल का कांड कर दिया है. एक सरकारी स्कीम का फायदा उठाने के लिए इस शख्स ने अपनी चचेरी बहन से ही शादी कर ली. मामला क्या है? फ़िरोज़ाबाद के टूंडला में 11 दिसंबर को सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित हुआ. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी करने वाले हर जोड़े को राज्य सरकार की तरफ से घरेलू सामान और कैश दिया जाता है. दुल्हन के बैंक अकाउंट में सीधे 20 हज़ार रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं. इसके अलावा 10 हज़ार रुपये के तोहफ़े और शादी का पूरा खर्चा सरकार की तरफ से उठाया जाता है. 20 हज़ार रुपये और तोहफ़ों के लालच में इस शख्स ने अपनी चचेरी बहन से शादी कर ली. आजतक से जुड़े सुधीर शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक़, यह व्यक्ति पहले से ही शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं. इस फर्जीवाड़े का पता तब चला जब स्थानीय लोगों ने भाई-बहन को पहचान लिया. यह कार्यक्रम टूंडला ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिस के परिसर में आयोजित हुआ था, जिसमें 51 अन्य जोड़ों की भी शादी हुई. सामूहिक विवाह के लिए ज़िला प्रशासन जोड़ों का बक़ायदा चयन करता है. आधार कार्ड, वोटर कार्ड, बैंक की पासबुक की अच्छी तरह जांच की जाती है. इस जोड़े का भी वेरिफ़िकेशन ग्राम पंचायत मरसेना में किया गया था. लेकिन इसके बावजूद यह शादी हो गई. मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है. टूंडला के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर नरेश कुमार ने कहा कि इसमें शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी. शादी करने वाले शख्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. उसके आधार कार्ड का वेरिफ़िकेशन किया जा रहा है. अब सभी 51 नव विवाहित जोड़ों की भी दोबारा जांच की जा रही है.

कानून क्या कहता है?

हिंदू मैरिज ऐक्ट की धारा-5 के मुताबिक़, भाई-बहन, चाचा-भतीजी, चाची-भतीजा या भाई और बहन के बच्चों या दो भाइयों या दो बहनों की शादी प्रतिबंधित है. विवाह का कोई मतलब नहीं है, जब तक कि संबंधित समुदाय की प्रथा इसकी अनुमति न दे. इसके अलावा एक शादीशुदा व्यक्ति किसी और से शादी नहीं कर सकता है. ऐसी शादी अमान्य मानी जाएगी.