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मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पंजाब में नए जिले की घोषणा की, सीएम योगी भड़क गए!

ट्वीट कर कांग्रेस पर ये आरोप मढ़ दिए.

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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक नए जिले की घोषणा की इस पर सीएम योगी का बयान आया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार, 14 मई को पंजाब में एक नए जिले की घोषणा की. ऐलान किया कि मलेरकोटला पंजाब का नया जिला होगा. संगरूर जिले में स्थित मलेरकोटला मुस्लिम बहुल कस्बा है. इसके साथ लगे अमरगढ़ और अहमदगढ़ भी पंजाब के इस 23वें जिले का हिस्सा होंगे. संगरूर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित मलेरकोटला को जिले का दर्जा कांग्रेस का चुनावी वादा था. कांग्रेस ने अपना चुनावी वादा निभाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले को लेकर पंजाब के सीएम और कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है. सीएम योगी ने कहा कि
मत और मजहब के आधार पर किसी प्रकार का विभेद भारत के संविधान की मूल भावना के विपरीत है. इस समय, मलेरकोटला (पंजाब) का गठन किया जाना कांग्रेस की विभाजनकारी नीति का परिचायक है.
ईद के मौके पर ऐलान ईद-उल-फितर के मौके पर लोगों को बधाई देने के लिए राज्य स्तर पर ऑनलाइन तरीके से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमरिंदर सिंह ने मलेरकोटला के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज, एक महिला कॉलेज, एक नया बस स्टैंड और एक महिला पुलिस थाना बनाने की भी घोषणा की. नए जिले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,
'मैं जानता हूं कि यह लंबे समय से लंबित मांग रही है. इससे प्रशासनिक कामकाज को लेकर हो रहीं उनकी अड़चनें दूर होंगी. लोगों की समस्याएं तेजी से हल की जा सकेंगी. दुनिया भर में सिख समुदाय मालेरकोटला के पूर्व नवाब शेर मोहम्मद खान का सम्मान करता है, जिन्होंने मुगलों के अत्याचारों और गुरु गोबिंद सिंह के दो बेटों को जिंदा ईंटों में चुनवा देने के खिलाफ आवाज उठाई थी.
सीएम ने देश की धर्मनिरपेक्ष छवि का जिक्र किया था. कहा था कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में सांप्रदायिक शक्तियों को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है. बाद में एक ट्वीट में सिंह ने कहा था,
'यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि ईद-उल-फितर के पाक मौके पर मेरी सरकार ने घोषणा की है कि मलेरकोटला राज्य का नया जिला होगा. 23वें जिले का विशाल ऐतिहासक महत्व है. जिला प्रशासनिक परिसर के लिए उचित स्थान का तत्काल पता लगाने का आदेश दिया है.
उन्होंने कहा कि देश की आजादी के वक्त पंजाब में 13 जिले थे. साल 1947 में बंटवारे के दौरान मलेरकोटला में काफी हद तक शांति रही, जबकि भारत-पाकिस्तान सीमा पर सांप्रदायिक संघर्ष और बड़े पैमाने पर पलायन हुआ.