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मच्छर काटने से भी किसी को AIDS हो सकता है क्या?

डॉक्टर ने HIV को लेकर बहुत ज़रूरी बातें बताई हैं.

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असुरक्षित सेक्स के बाद आपको ख़ुदको टेस्ट करवाना चाहिए
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो भी सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें. लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

साल 2016 में एक फिल्म आई थी. अरुवि. तमिल फिल्म है. मेरे कुछ साथियों ने अभी कुछ दिन पहले देखी और मुझे उसकी कहानी बताई. एक लड़की की कहानी है. कॉलेज में पढ़ती है. उसे AIDS हो जाता है. उसके घरवालों को लगता है कि उसने किसी के साथ सेक्स किया होगा, इस वजह से उसे घर से निकाल देते हैं. पूरी फिल्म उसके इसी स्ट्रगल पर बेस्ड है. रियल लाइफ में भी अगर हम सुन लेते हैं कि अगर कोई HIV पॉज़िटिव है. तो ज्यादातर लोग उसके बारे में यही राय बना लेते हैं कि वो व्यक्ति कई लोगों के साथ संबंध रखता या रखती है, इस वजह से उसे ये बीमारी हुई. पर ऐसा होना ज़रूरी नहीं है.
इसलिए हम आज बात करेंगे AIDS और HIV के अंतर पर. इसके इंफेक्शन की वजहों पर और ये भी जानेंगे कि इसका इलाज और इससे बचने के तरीके क्या हैं. पहले एक नज़र आंकड़ों पर डालते हैं  
NDTV में छपी ख़बर के मुताबिक, अभी भी 12 मिलियन यानी एक करोड़ 20 लाख से ज़्यादा लोग HIV के इलाज का इंतज़ार कर रहे हैं. 2019 में 1.7 मिलियन (17 लाख) लोग HIV से इन्फेक्ट हुए हैं. वहीं करीब सात लाख लोगों की मौत AIDS की वजह से हुई है. ये डेटा UNAIDS ने निकाला है. HIV और AIDS में क्या फ़र्क है? ये हमें बताया डॉक्टर विनय ने.
डॉक्टर विनय, कंसल्टेंट इनफेक्शियस डिजीज, अपोलो हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु
डॉक्टर विनय, कंसल्टेंट इनफेक्शियस डिजीज, अपोलो हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु


AIDS यानी Acquired immuno deficiency syndrome. HIV यानी human immuno deficiency virus. AIDS एक बीमारी है जो HIV नाम के वायरस की वजह से होती है.
HIV हमारे शरीर में तीन तरीकों से घुस सकता है. पहला, असुरक्षित यौन संबंध से. दूसरा, खून से और तीसरा, HIV पॉज़िटिव मां से बच्चे को. बहुत लोगों में HIV के लक्षण नहीं दिखते हैं. कई-कई लोगों में दो, पांच, 10 साल बाद पता चलता है कि उनके शरीर में ये वायरस है.
HIV हमारे शरीर की इम्युनिटी पर हमला करता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले सेल्स को खाने लगता है. इससे शरीर में CD4 का काउंट कम होने लगता है. ये एक तरह का प्रोटीन होता है. हमारे शरीर में CD4 प्रोटीन की संख्या 500 से ज्यादा होनी चाहिए. अगर ये संख्या घटकर 200 से कम हो जाए तब HIV इंफेक्शन को AIDS कहा जाता है. HIV AIDS के लक्षण क्या हैं जब भी किसी का वज़न घटने लगता है, बहुत दिनों तक बुखार रहता है, बिना कारण खांसी या बलग़म रहता है, तो ऐसे लोगों के लिए HIV टेस्ट कराना बेहद ज़रूरी है. HIV इंफेक्शन का समय पर पता चले तो दवाओं से उसे कंट्रोल में रखा जा सकता है. और इंफेक्शन को बीमारी बनने से रोका जा सकता है.
How is the HIV Epidemic Being Controlled? HIV का पूरा मतलब है ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस

इलाज क्या है? रोज़ की एक गोली खानी होती है, पर ये जीवनभर चलती है. इलाज के दौरान समय-समय पर वायरस की क्वांटिटी नापी जाती है. पहले किसी के HIV पॉजिटिव होने पर मान लिया जाता था कि उसे AIDS भी हो गया है. और उसे बचाया नहीं जा सकता है. पर अब ऐसा नहीं है. दवाइयों और कुछ ज़रूरी प्रिकॉशंस के साथ HIV पॉज़िटिव व्यक्ति की ज़िंदगी भी नॉर्मल चल सकती है. HIV का टेस्ट कब करवाना चाहिए? -असुरक्षित सेक्स के बाद
-इन्फेक्टेड ब्लड प्रोडक्ट्स लिए हैं तो टेस्ट करना बेहद ज़रूरी है
- एक्सीडेंट के शिकार अगर हुए हैं या आपकी कोई चोट किसी और के ब्लड के संपर्क में आई हो तो.
-किसी को लंबे समय से बुखार चल रहा है
-खांसी, बलग़म हो रहा है
-बिना वजह वज़न घटता जा रहा है तब
 
HIV/AIDS News, Treatment Articles | HIV/AIDS Research Studies
पहले ऐसा होता था कि किसी को HIV हो गया. उसे AIDS हो गया और वो इंसान नहीं बचेगा. पर अब ऐसा नहीं है
कैसे नहीं फैलता है HIV? -HIV छूने से नहीं फैलता है
-HIV साथ में बैठने या खाना खाने से नहीं फैलता
-एक ही टॉयलेट या कपड़े इस्तेमाल करने से भी नहीं फैलता
-मच्छर के काटने से नहीं फैलता
चलते-चलते ज़रूरी बात. हर HIV पॉज़िटिव इंसान को AIDS नहीं होता है. HIV पॉज़िटिव इंसान दवाओं के साथ एक नॉर्मल ज़िंदगी जी सकता है. उनसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की कोई ज़रूरत नहीं होती है. बस यौन संबंध बनाते वक्त और खून वगैरह निकलने पर सावधानी बरतने की ज़रूरत पड़ती है.


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