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ये हर्पीस क्या बीमारी है, जिसमें शरीर में पानी भरे दाने निकल आते हैं?

लक्षणों पर ध्यान न दिया तो बड़ी मुश्किल हो सकती है.

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स्किन रैशेज में फफोले जैसे होते हैं, उसके आसपास लाल रहता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो भी सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें. लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

हमारे एक रीडर हैं. नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर उन्होंने हमसे अपनी कहानी शेयर की है. उन्होंने बताया कि उन्हें हर्पीस हुआ था. उनके मुंह और होठों के आसपास छाले से हो गए थे. बुखार आ गया था. हर्पीस दो तरह के होते हैं. ओरल हर्पीस और जेनिटल हर्पीस. WHO के मुताबिक, ओरल हर्पीस दुनियाभर में 67 प्रतिशत लोगों को होता है. वहीं जेनिटल हर्पीस 11 प्रतिशत लोगों को. हमारे रीडर चाहते हैं कि हम हर्पीस पर एक एपिसोड बनाएं ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुंचे. जो लोग इससे जूझ रहे हैं उन्हें मदद मिले. तो चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि हर्पीस क्या होता है और क्यों होता है? क्या और क्यों होता है हर्पीस? ये हमें बताया डॉक्टर राजीव ने.
डॉक्टर राजीव कुमार, एमडी मेडिसिन, कपूर हॉस्पिटल, उत्तराखंड डॉक्टर राजीव कुमार, एमडी मेडिसिन, कपूर हॉस्पिटल, उत्तराखंड


हर्पीस इन्फेक्शन मुख्य तौर पर दो तरह का होता है. टाइप 1 और टाइप 2. ये वायरस ज़्यादातर क्लोज कॉन्टैक्ट से होता है. टाइप 1 का इन्फेक्शन फेशिअल क्लोज़ कॉन्टैक्ट से होता है. टाइप 2 जेनिटल कॉन्टैक से होता है. हर्पीस जॉस्टर इन्फेक्शन आमतौर पर उन लोगों को होता है जिनको पहले चिकनपॉक्स हो चुका होता है. ये वायरस डोर्मेंट स्टेट में नर्व एंडिंग में रहता है, जब पेशेंट की इम्युनिटी कम हो जाती है तो यही वायरस दोबारा से एक्टिव होकर उस नर्व के एरिया को इन्फेक्ट करता है.
लक्षण
-वायरस इन्फेक्शन के कारण मरीज़ को स्किन रैशेज होते हैं
-स्किन रैशेज में फफोले जैसे होते हैं, उसके आसपास लाल रहता है
-खुजली होती है
-आसपास सूजन आ सकती है
-काफ़ी दर्द होता है
-अगर फफोले शरीर के एक साइड पर हैं तो वो वहीं रहते हैं, दूसरी तरफ़ नहीं आते
-हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस के इन्फेक्शन में फफोले होंठों के आसपास होंगे
-जेनिटल एरिया में भी दिख सकते हैं
-कुछ केसेस में अल्सर भी बन जाता है जेनिटल एरिया में
-इसके साथ पेशेंट को बदन दर्द, बुखार होता है
-कमज़ोरी होती है
-अगर हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस का इन्फेक्शन बढ़ जाए तो पेशेंट को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है
-निमोनिया हो सकता है
-कुछ केसेस में वायरल इन्सेफेलाइटिस हो जाता है यानी ब्रेन में सूजन
Is It Herpes or Something Else? | Everyday Health अगर फफोले शरीर के एक साइड पर हैं तो वो वहीं रहते हैं, दूसरी तरफ़ नहीं आते

हर्पीस से बचाव -हर्पीस इन्फेक्शन उन लोगों को होता है जिनकी इम्युनिटी कमज़ोर होती है
-कुछ केसेस में देखा गया है कि ये किसी को भी हो सकता है और किसी भी उम्र में हो सकता है
-अपनी इम्युनिटी अच्छी रखें
-साफ़-सफ़ाई का पूरा ध्यान रखें
-जो इंसान हर्पीस से इन्फेक्टेड है, उससे फिजिकल दूरी बनाएं
-हर्पीस जॉस्टर इन्फेक्शन के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं
-ज़्यादा उम्र के लोग और बच्चे ये वैक्सीन लगवा सकते हैं
-वैक्सीन के बाद या इन्फेक्शन बहुत माइल्ड होगा या होगा ही नहीं
इलाज
-लक्षण हैं तो डॉक्टर को दिखाएं
-किस तरह का हर्पीस इन्फेक्शन है, ये जांच में पता चलता है. उसके हिसाब से दवाई दी जाती है
-एंटी वायरल दवाइयां दी जाती हैं
-अगर बुखार है तो बुखार की दवाई दी जाती है
-पेन के लिए भी दवाइयां दी जाती हैं
-एंटी वायरल दवाइयां खाने के लिए भी आती हैं और लगाने के लिए भी आती हैं
-हर्पीस जॉस्टर इन्फेक्शन में पेशेंट को काफ़ी ज़्यादा दर्द होता है
-हर्पीस जॉस्टर इन्फेक्शन ठीक होने के बाद काफ़ी ज़्यादा दर्द होता है
-इस दर्द को कम करने के लिए भी दवाइयां दी जाती हैं
-जितना जल्दी इलाज लेंगे, उतनी जल्दी ठीक होंगे
-हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस में ख़तरनाक इन्फेक्शन हो सकता है
How Easy Is It to Get Herpes? ज़्यादा उम्र के लोग और बच्चे वैक्सीन लगवा सकते हैं


-बच्चों में ब्रेन के अंदर सूजन आ सकती है
-सांस में दिक्कत होने पर दवाई दी जाती है या अस्पताल में एडमिट करवाना पड़ता है
डॉक्टर ने हर्पीस के जो लक्षण बताएं हैं, उनपर ज़रूर नज़र रखिए ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके.


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