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महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान और कोच पर ये खुलासा चौंकाने वाला है!

मिताली राज और रमेश पोवार मामले पर विनोद राय की किताब में क्या लिखा है?

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विनोद राय की नई किताब में मिताली राज और कोच पवार के बीच विवाद के बारे में भी लिखा गया है (साभार: आजतक/ट्विटर)
किताबें जिन्हें ज्ञान का भंडार कहते हैं, किताबों में ऐसा खजाना छुपा होता है, जिसे कोई लुटेरा कभी लूट नहीं सकता, ऐसा बचपन में हमारे मास्टर साहब हमसे कहा करते थे. थोड़ा बड़े हुए तो कहानी बगैरह की किताबों को गले लगा लिया. जब और बड़े हुए तो ऐसी किताबों के लिए मोह जागा, जिनमें राइटर कुछ पुरानी घटनाओं की परतें खोल देते थे. अब इसी तरह की एक किताब आई है, जिसका नाम है 'नॉट जस्ट ए नाइटवॉचमैन: माय इनिंग्स इन द बीसीसीआई' (Not Just a Nightwatchman).
इसे लिखा है पूर्व CAG विनोद राय (Vinod Rai) ने, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी 2017 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में प्रशासकों की समिति (COA) के मुखिया का जिम्मा सौंपा था. इसके बाद वे ढाई साल तक यह जिम्मेदारी संभाले रहे. उनकी नई किताब उनके जीवन की इसी पारी पर आधारित है. इस किताब में विनोद राय ने भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) से जुड़े कई किस्से लिखे हैं. उन्हीं में एक किस्सा क्रिकेटर मिताली राज (Mithali Raj) और महिला क्रिकेट टीम के कोच रमेश पोवार (Ramesh powar) के बीच हुए विवाद की परतें खोलता है. क्या था रमेश पोवार और मिताली राज के बीच विवाद? आइये पहले जान लेते हैं कि मिताली राज और रमेश पोवार के बीच आखिर क्या विवाद हुआ था. ये साल 2018 की बात है. इंग्लैंड के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में मिताली राज को ड्रॉप कर दिया गया. भारत ये मैच 8 विकेट से हार गया. इसके बाद मिताली ने BCCI के तत्कालीन सीईओ राहुल जौहरी और क्रिकेट ऑपरेशन्स के जनरल मैनेजर सबा करीम को एक मेल भेजा. इसमें उन्होंने रमेश पोवार पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया. रमेश पोवार का अपनी सफाई में कहना था कि मिताली राज को संभालना काफी मुश्किल काम है. उन्हें टीम से बाहर रखना उनकी रणनीति का हिस्सा था. अब विनोद राय ने अपनी किताब में क्या बताया है? इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट
के मुताबिक विनोद राय ने इस विवाद पर अपनी किताब में लिखा है,
'दो खिलाड़ियों - मिताली (राज) और कप्तान हरमनप्रीत (कौर) - ने बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी और GM क्रिकेट ऑपरेशन्स सबा करीम के साथ अलग-अलग मीटिंग की थी. कोच (रमेश) पोवार ने भी इन अधिकारियों से मुलाकात की थी. मिताली और पोवार को लिखित बयान के साथ प्रशासकों की समिति यानी COA को रिपोर्ट करने की सलाह दी गई... इसके बाद मिताली और पोवार दोनों ने वेस्टइंडीज में टी20 विश्व कप सेमीफाइनल के दौरान हुई घटनाओं के बारे में अपना पक्ष रखा.'
विनोद राय की किताब में लिखा है कि तब मिताली राज ने कोच पोवार के बर्ताव पर गहरा दुःख जताया था. मिताली ने ये भी साफ कर दिया था कि उनके मन में उस वक्त टीम की टी20 कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कुछ भी नहीं था. दूसरी ओर, रमेश पोवार ने एक लंबी रिपोर्ट लिखी थी, जिसमें कहा गया था कि मिताली को संभालना मुश्किल हो रहा है. पोवार ने अपने बयान में ये भी लिखा था कि मिताली की खराब स्ट्राइक रेट की वजह से टीम मैनेजमेंट ने उन्हें सेमीफाइनल गेम से ड्रॉप करने का फैसला किया.
Vinod Rai Book
विनोद राय की नई किताब (साभार: आजतक)


विनोद राय ने अपनी किताब में आगे लिखा है,
'30 नवंबर को, सबा करीम ने मुझे सलाह दी कि लड़कियां विवादों को शांत करने और इस मसले को खत्म करना चाहती हैं. मैं हरमनप्रीत की तारीफ करता हूं कि उसने सबा से संपर्क किया और मिताली के साथ खुलकर बात करने की इच्छा जाहिर की, ताकि दोनों के मन में कोई गलत भावना न रह जाए और सभी विवादों को सही से सुलझा लिया जाए.'
राय लिखते हैं,
'मुझे उनके साथ बैठने को कहा गया. ये मीटिंग दिल्ली में एक दिन के नोटिस पर हुई थी. दोनों खिलाड़ियों की ईमानदारी इस बात से जाहिर होती है कि हरमन ने रविवार की सुबह मोगा स्थित अपने घर से दिल्ली पहुंचने के लिए छह घंटे का सफर किया. वहीं गुंटूर में लीग मैच खेल रही मिताली प्लेन से पहुंचीं. हम मिले और तीन घंटे से अधिक समय तक बातें कीं.'
मिताली को कौन सी बात बुरी लगी? विनोद राय ने अपनी किताब में बताया है कि मिताली को दरअसल कौन सी बात बुरी लगी थी. राय के मुताबिक,
'इस मामले में मिताली ने महसूस किया था कि उन्हें निकाले जाने की जानकारी जिस तरह से उन्हें दी गई, वह उनके लिए सबसे अपमानजनक था. मिताली ने कहा कि उन्हें इस फैसले के बारे में अंधेरे में रखा गया था और दोनों कप्तानों के टॉस के लिए जाने से ठीक पहले कोच ने उन्हें इसकी सूचना दी थी.'
मिताली को ड्रॉप करने का फैसला किसका था? विनोद राय ने अपनी नई किताब में यह भी बताया है कि टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में मिताली राज को ड्रॉप करने का फैसला आखिर किसका था. राय लिखते हैं,
'टीम की कैप्टन हरमनप्रीत ने साफ कहा कि (मिताली को ड्रॉप करने का) फैसला किसी एक का नहीं था, बल्कि टीम की जीत को ध्यान में रख कर लिया गया यह निर्णय सामूहिक था. इस फैसले में टीम के सेलेक्टर्स और कोच शामिल थे.'
कप्तान हरमनप्रीत ने विनोद राय को मीटिंग के दौरान यह भी बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह खबर मिताली राज को कब दी गई.