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यूक्रेन में फंसे भारतीय डॉक्टर ने लौटने से मना किया, वजह सुन गर्व करेंगे आप!

डॉक्टर पृथ्वी राज घोष ने बड़ी जिम्मेदारी निभाने की बात कही है.

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परिवार के साथ वीडियो कॉल पर बात करते डॉ. पृथ्वी राज घोष. (फोटो: इंडिया टुडे)
यूक्रेन में युद्ध के दौरान जब दूसरे देशों के फंसे हुए नागरिक अपने देश वापस लौटने की कोशिश कर रहे हैं, तब एक भारतीय डॉक्टर ने यूक्रेन में ही रुकने का फैसला किया है. जिन डॉक्टर ने ये फैसला लिया है, उनका नाम पृथ्वी राज घोष है. डॉक्टर घोष यूक्रेन की राजधानी कीव में हैं और उन्होंने वहां से फिलहाल वापस लौटने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि जबतक यूक्रेन से सभी भारतीय छात्र नहीं निकल जाते, वो यूक्रेन नहीं छोड़ेंगे.
इंडिया टुडे से बात करते हुए डॉक्टर घोष ने कहा,
"मैं यहां कीव में फंसा नहीं हूं बल्कि अपनी मर्जी से वापस नहीं जा रहा हूं. मैंने यूक्रेन से लगभग 350 छात्रों को निकाला है, जो कीव में मेरे स्टूडेंट थे. कुछ कंसल्टेंट मुझसे और छात्रों की मदद करने के लिए लगातार कह रहे हैं. वो छात्र विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं, खासकर सूमी में,"
कोलकाता के रहने वाले डॉक्टर घोष का कहना है कि जो सीज़फायर का ऐलान हुआ है, वो इस देश के आम नागरिकों के लिए है ना कि विशेष तौर पर भारतीय छात्रों के लिए. घोष के मुताबिक अभी भी खारकीव में करीब दो हजार छात्र फंसे हुए हैं.
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स्लोवाकिया के रास्ते यूक्रेन से वापस लौटते भारतीय छात्र. (PTI)

डॉ. घोष के यूक्रेन नहीं छोड़ने के फैसले से एक तरफ जहां उनके परिवार को डर है, तो वहीं दूसरी तरफ गर्व भी है. इंडिया टुडे से बात करते हुए घोष की मां भारती ने अपने बेटे और दूसरे छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की. उनके पिता प्रदीप घोष भी अपने बेटे पर गर्व करते हुए कहते हैं कि यूक्रेन में बच्चे पृथ्वी को बड़ा भाई मानते हैं.
डॉक्टर पृथ्वी घोष बताते हैं कि वो इस तरह की स्थिति का सामना पहले भी कर चुके हैं. उन्होंने बताया,
"मेरे माता-पिता चिंतित हैं. लेकिन, मैं समझता हूं कि ये मेरी जिम्मेदारी है. मैंने छात्रों के माता-पिता से वादा किया था कि मैं उनकी देखभाल करूंगा. 2013-14 के दौरान भी मुझे संकट का सामना करना पड़ा था और मैंने तब भी ऐसा ही किया था. अब, मैं इसे संभालने के लिए ज्यादा परिपक्व हूं."
आपको बता दें कि इससे पहले हरियाणा की 17 साल की नेहा ने भी यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया था. नेहा ने कहा था कि जिस मकान में वो रहती है, उसका मालिक युद्ध लड़ने गया है. उसकी पत्नी और उसके तीन छोटे बच्चे हैं. वो घर पर अकेले हैं और इस मुश्किल वक़्त में वह उन्हें छोड़कर नहीं जाएगी.