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नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जान का खतरा मानते हुए सारी FIR दिल्ली ट्रांसफर कीं

नूपुर शर्मा पर अब तक कुल 10 FIR हुई हैं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि जांच कैसे करनी है इस बारे में कोर्ट कोई टिप्पणी नहीं करेगा.

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नूपुर शर्मा. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

नूपुर शर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूरी जांच दिल्ली पुलिस को सौंप दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी राज्यों में दर्ज हुई FIR को इकट्ठा करके दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच करे. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में ये भी कहा कि दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूज़न एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेश्नस (IFSO) को इस केस की जांच करनी चाहिए.

खबरों के मुताबिक नूपुर शर्मा पर अब तक कुल 10 FIR हुई हैं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि जांच कैसे करनी है इस बारे में कोर्ट कोई टिप्पणी नहीं करेगा. हालांकि कोर्ट ने कहा कि अगर IFSO को इस मामले में जरूरत लगती है तो वो दूसरे राज्यों की मदद ले सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले से जुड़ी कोई और FIR हो तो उसकी जांच भी दिल्ली पुलिस ही करेगी.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को माना कि नूपुर शर्मा की जान को खतरा है. कोर्ट ने 19 जुलाई के आदेश को बरकरार रखते हुए नूपुर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक जारी रखी है. नूपुर शर्मा ने इसी आधार पर कोर्ट में याचिका दी थी कि उन पर जान के खतरे को देखते हुए उन पर दर्ज हुई सभी FIR रद्द की जानी चाहिए. हालांकि कोर्ट ने ये मांग नहीं मानी, लेकिन सभी मामले दिल्ली ट्रांसफर कर उन्हें बड़ी राहत दी है.

Nupur Sharma विवाद क्या है?

बीती 27 मई को नूपुर शर्मा एक टीवी चैनल पर हो रही डिबेट में शामिल थीं. डिबेट का मुद्दा था ज्ञानवापी और उसमें मिली विवादित आकृति. इसी पर बहस चल रही थी. इस दौरान डिबेट में नूपुर शर्मा ये कहते हुए भड़क गईं कि कुछ लोगों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं. उनकी बयानबाजी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. इसके बाद देश-दुनिया में बड़ा बवाल खड़ा हो गया. इसके मद्देनजर बीजेपी ने नूपुर को पार्टी से निलंबित कर दिया था.

हालांकि इससे मामला ठंडा नहीं पड़ा. नूपुर के बयान के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए. आगजनी, तोड़फोड़ की गई. नूपुर शर्मा को सिर कलम करने की धमकी भी दी गई थी. साथ ही उनके खिलाफ कई राज्यों में FIR भी दर्ज की गईं. इन्हीं को रद्द कराने के लिए पूर्व बीजेपी प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 

इस मामले की सुनवाई के दौरान पहले जस्टिस पारदीवाल ने नूपुर शर्मा को जमकर फटकार लगाई थी. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या की वजह भी नूपुर शर्मा ही हैं.

वीडियो: BSF ने राजस्थान से पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया, बॉर्डर पार कर नूपुर शर्मा को मारने आया!