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PM मोदी की सुरक्षा में कथित चूक की जांच करने जा रहे ये 5 लोग कौन हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'मामले को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता'

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PM Modi की सुरक्षा में कथित चूक तब हुई, जब वो 5 जनवरी को पंजाब के दौरे पर गए थे. (फोटो: इंडिया टुडे)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की कथित सुरक्षा चूक (Security Breach) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जांच कमेटी बना दी है. रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा इस कमेटी की अगुवाई करेंगी. कौन-कौन से लोग हैं इस जांच कमिटी में? 1 - इंदु मल्होत्रा, रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा 2 - NIA के डायरेक्टर जनरल या उनके द्वारा नामित एक अधिकारी जो कि इंस्पेक्टर जनरल रैंक से नीचे का नहीं होगा, 3 - चंडीगढ़ के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस 4 - ADGP (सुरक्षा) पंजाब पुलिस 5 - पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से कहा था कि वे प्रधानमंत्री मोदी की पांच जनवरी की पंजाब यात्रा से जुड़े सभी रिकॉर्ड्स सही-सलामत रखें. बुधवार 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सभी रिकॉर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा को सौंपने को कहा. सीजेआई के अलावा इस बेंच में जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली हैं. बेंच ने इस पैनल का गठन करते हुए कहा कि मामले को "एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता है" एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए इसे न्यायिक रूप से प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा देखा जाना चाहिए. समिति इस बात की जांच करेगी कि सुरक्षा उल्लंघन के लिए कौन जिम्मेदार है. साथ ही सुझाव देगी कि पीएम और संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए कौन से सुरक्षा उपाय जरूरी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जांच पैनल को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देने को भी कहा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी मौजूदा जांच कमेटी पर रोक लगा दी है. Lawyers Voice ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. पीएम मोदी की सुरक्षा में कथित चूक को लेकर पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. क्या है मामला? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित सुरक्षा चूक से जुड़ा ये मामला 5 जनवरी का है. इस दिन पीएम मोदी को पंजाब के फिरोजपुर में रैली करनी थी. वे कई योजनाओं का भी शिलान्यास करने वाले थे. लेकिन रैली को अचानक से रद्द कर दिया गया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके पीछे सुरक्षा कारणों को जिम्मेदार बताया. कहा कि सड़क मार्ग की तरफ से फिरोजपुर की ओर बढ़ रहे प्रधानमंत्री के काफिले को एक फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया. मंत्रालय ने कहा कि ये पीएम की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी. इससे पहले पीएम को हवाई मार्ग से फिरोजपुर जाना था. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, खराब मौसम की वजह से ऐन मौके पर प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से रवाना करने की योजना बनी. कौन हैं इंदू मल्होत्रा? 12 मार्च 2021 को जस्टिस इंदू मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड हुईं. बेंगलुरु से आने वाली इंदू मल्होत्रा ने 1983 में कानून की पढ़ाई पूरी की. 1988 में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड का एग्ज़ाम में टॉप किया.अप्रैल 2018 में इंदू सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं. वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली वो पहली महिला हैं. जज के तौर पर अपने तीन साल के कार्यकाल में इंदू मल्होत्रा कई अहम फैसलों का हिस्सा रहीं. इसमें सबसे पहला नाम आता है सबरीमाला केस का. सितंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने 10 से 50 साल की औरतों को इस मंदिर में प्रवेश करने की परमिशन दे दी थी. लेकिन बेंच के केवल चार जज इससे सहमत थे. एक जज, जो अकेली महिला जज थीं इस बेंच में, वो इस फैसले के खिलाफ थीं. दूसरा फैसला IPC के सेक्शन 497 यानी अडल्ट्री से जुड़ा हुआ था. शादी के इतर किसी और व्यक्ति से प्रेम संबंध का होना. पहले अडल्ट्री अपराध के दायरे में आता था. लेकिन सितंबर 2019 में इसे कानूनी अपराध के दायरे से बाहर कर दिया था, हालांकि इसे तलाक का आधार माना जा सकता है. इस फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने मिलकर सुनाया था. इस बेंच में जस्टिस इंदू मल्होत्रा भी शामिल थीं. तीसरा फैसला IPC के सेक्शन 377 से जुड़ा हुआ था. सितंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक रिश्तों को सेक्शन 377 के तहत अपराध के दायरे से हटा दिया था. इस फैसले को सुनाने वाली बेंच में जस्टिस इंदू भी थीं.