बीजेपी (BJP) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupru Sharma) पर कड़ी टिप्पणी करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) ने कहा है कि देश की संसद को सोशल मीडिया पर लगाम लगानी चाहिए. उन्होंने कहा कि संवेदनशील मामलों में सोशल मीडिया ट्रायल के जरिए न्यायिक प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप किया जाता है. जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि आधा सच, अधूरी जानकारी रखने वाले, कानून के शासन, सबूत और न्यायिक प्रक्रिया को ना समझने वाले हावी हो गए हैं. ऐसे में सोशल मीडिया को रेगुलेट करने पर विचार करना चाहिए.
नूपुर को फटकारने वाले जस्टिस पारदीवाला बोले- 'जजों पर निजी हमले बंद हों, सोशल मीडिया पर लगे लगाम'
जस्टिस पारदीवाला ने कहा था कि नूपुर शर्मा की वजह से उदयपुर में दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. इसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था.
इंडिया टुडे से जुड़ीं अनीषा माथुर की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस पारदीवाला ने CAN फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम में ये सब बातें कहीं. रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि न्यायपालिका अच्छी भावना से की गई आलोचना का स्वीकार करती है, लेकिन जजों पर निजी हमले स्वीकार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि भारत पूरी तरह से परिपक्व और शिक्षित लोकतंत्र नहीं है, ऐसे में यहां विचारों को प्रभावित करने में सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है.
नूपुर शर्मा पर कड़ी टिप्पणीजस्टिस पारदीवाला की ये सब बातें तब सामने आई हैं, जब नूपुर शर्मा पर की गई टिप्पणी के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था. बीती एक जुलाई को पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में नूपुर शर्मा की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पारदीवाला ने कहा था कि उदयपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना नूपुर शर्मा की वजह से हुई.
दरअसल, बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी. जिसके बाद उनके खिलाफ व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. दूसरे देशों ने भी नूपुर के बयान पर आपत्ति जताई थी. इन देशों में भारत से अच्छे संबंध रखने वाले कई अरब देश भी शामिल रहे. इन देशों को दिए गए जवाब में भारत की तरफ से कहा गया था कि भारत सरकार का पैगंबर के प्रति दिए गए अपमानजनक बयानों से कोई लेना देना नहीं है और इस तरह के बयान देने वाले अराजक तत्व हैं, जिनके प्रति कार्रवाई की जा चुकी है. इसी दौरान बीजेपी ने नूपुर शर्मा को सस्पेंड कर दिया था.
इधर नूपुर शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहे थे. देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए इन विरोध प्रदर्शनों में कई जगह हिंसा भी हुई थी. इस बीच नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में FIR भी दर्ज की गई थी. इस बीच 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयाला की बर्बर हत्या कर दी गई थी. आरोपी रियाज अत्तारी और मोहम्मद गौस ने कहा था कि उन्होंने ये हत्या इसलिए की क्योंकि कन्हैयालाल ने नूपुर शर्मा का समर्थन किया था.
वीडियो- कोविड-19 के दौरान गुजरात सरकार को हिला देने वाले जस्टिस पारदीवाला की कहानी