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शार्दुल ठाकुर से ये सीखकर कोई भी जीवन में सफल हो सकता है!

शार्दुल के कोच ने बताई अंदर की बातें.

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साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में सात विकेट लेने वाले भारतीय तेज़ गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर (पीटीआई)
शार्दुल ठाकुर. जोहानसबर्ग में चल रहे इंडिया वर्सेज साउथ अफ्रीका टेस्ट के हीरो. शार्दुल ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में सात विकेट निकालकर क्रिकेट फ़ैन्स को मौज करा दी. और उनकी इस बोलिंग से शार्दुल के बचपन के कोच दिनेश लाड भी बेहद खुश हैं. उनका मानना है कि शार्दुल की कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनकी खुद की मेहनत और कभी ना हार मानने वाला जज़्बे का है. लाड का कहना है कि उन्हें शार्दुल को कभी कोई स्पेशल ट्रेनिंग देने की जरूरत नहीं पड़ी. जरूरत पड़ी तो सिर्फ उनकी मानसिकता पर काम करने की. जोहानसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर शार्दुल के सेवन विकेट हॉल के बाद दिनेश लाड ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा,
'मैंने उन पर कोई विशेष काम नहीं किया बल्कि सिर्फ उनकी मेन्टल स्ट्रेंथ पर ध्यान दिया. मुझे याद है जब उन्हें IPL के लिए चुना गया तब उन्हें किंग्स XI पंजाब के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. ऐसे में शार्दुल काफी फ़्रस्ट्रेट हो जाते थे और कहते थे कि टीम ने उन्हें फिर नहीं खिलाया. तब मैं उनसे कहता था कि कोई बात नहीं, अगर उन्हें सेलेक्ट किया गया है तो उनके लिए जरूरी है कि वे बड़े खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस करें और उनसे कुछ सीखें.'
इसके बाद जब शार्दुल को इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए बुलावा आया, तब भी लाड ने उन्हें ऐसी ही कुछ सलाह दी थी. लाड का कहना है कि उन्होंने शार्दुल को कुछ भी अलग ट्राई करने की सलाह नहीं दी. और सिर्फ उसी पर फोकस करने के लिए कहा, जो वे बचपन से या फिर डोमेस्टिक क्रिकेट में करते आये हैं. लाड का मानना है कि जब भी कोई खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट में आता है, तो अक्सर वह कुछ नया करने के चक्कर में अपने बेसिक्स ख़राब कर लेता है. 2018 में शार्दुल की पहली टेस्ट सीरीज से पहले की बात करते हुए लाड ने कहा,
'जब वे पहली बार वेस्ट इंडीज़ के दौरे के लिए चुने गए थे, तब मैंने उन्हें एक ही सुझाव दिया था कि वे कुछ भी नया ट्राई ना करें. जिस तरह वे रणजी ट्रॉफी में अब तक गेंदबाज़ी करते आए हैं, उन्हें आगे भी वैसी ही गेंदबाज़ी करनी है. मैंने उन्हें समझाया कि वे अब एक बड़े खिलाड़ी बन गए हैं. और अब अगर वे कुछ नया करते हैं तो उनकी गेंदबाज़ी पर असर पड़ेगा. बेहतर होगा कि वे वही करते रहें जो वे अबतक करते आए हैं.'
लाड ने आगे कहा,
'इसके अलावा कोई और विशेष बातचीत नहीं हुई. बस वे सीखते गए. गेंदबाज़ी के बारे में मैंने उन्हें बस इतना और समझाया था कि बल्लेबाज़ को गेंदें खेलने पर मज़बूर करें. जितना ज्यादा आप बल्लेबाज़ को खिलाएंगे, उसे आउट करने के मौके उतने ही बढ़ जाएंगे.
बता दें कि दूसरे टेस्ट की पहली पारी में शार्दुल ने महज़ 61 रन देकर अफ्रीकी टीम के सात बल्लेबाज़ों को आउट किया. ये टेस्ट करियर में उनका अब तक का बेस्ट परफॉरमेंस है. इसके अलावा साउथ अफ्रीका के खिलाफ किसी भारतीय द्वारा किया गया ये बेस्ट बोलिंग परफॉर्मेंस भी है. इससे पहले रविचन्द्रन अश्विन और हरभजन सिंह ने भी साउथ अफ्रीका के खिलाफ सात-सात विकेट लिए हैं लेकिन शार्दुल से ज्यादा रन लुटाकर.