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शरद पवार के PM मोदी की पेशकश ठुकराने की बात पर बीजेपी ने क्या कहा है, जानिए

शरद पवार ने कहा था कि PM ने गठबंधन के लिए कहा था उन्होंने इंकार कर दिया

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शरद पवार की फाइल फोटो
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने कहा था कि 2019 में हुए महाराष्ट्र चुनाव के बाद BJP उनकी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर उत्सुक थी. लेकिन वह गठबंधन के पक्ष में नहीं थे. पवार ने कहा था कि उन्होंने BJP-NCP के गठबंधन को लेकर पीएम मोदी से कह दिया था कि यह संभव नहीं है. बुधवार, 29 दिसंबर को पवार ने ये बात द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एक कार्यक्रम में कही थी. पवार के इस बयान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी का कहना है कि पवार अपनी सुविधा के हिसाब से केवल आधा सच बोल रहे हैं. महाराष्ट्र के भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा,
पवार ने जो कहा वह केवल आधा सच था... और वह अपनी सुविधा के अनुसार बोल रहे हैं. पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहले ही कह चुके हैं कि उन दिनों क्या हुआ था. हम इस बारे में फिर से बात नहीं करना चाहते.
शिवसेना ने क्या कहा? केशव उपाध्याय की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा,
चूंकि ये शरद पवार कह रहे हैं, इसलिए यह सच होना चाहिए.
संजय राउत ने आगे कहा,
उस दौरान बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बेताब थी. वे अजीत पवार और हमारे लोगों (शिवसेना नेताओं) सहित विभिन्न लोगों के साथ संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे. मुझे पता था कि पवार को भाजपा से प्रस्ताव मिला था और उन्होंने हमसे इस बारे में बात भी की थी. उस वक्त हम एक-दूसरे से कुछ नहीं छिपा रहे थे. इस बारे में कुछ भी रहस्य नहीं था...कौन बैठक कर रहा था और चर्चा कर रहा था, हम सब कुछ जानते थे. हमारे बीच पारदर्शिता थी और शायद बीजेपी को इसकी जानकारी नहीं थी. इस पारदर्शिता के कारण वे सरकार नहीं बना सके.
वहीं राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा,
दोनों नेताओं के बीच जो कुछ भी हुआ, केवल वे ही जानते हैं. अतीत को न खोदें. अब महाराष्ट्र में एमवीए (महाविकास आघाडी) सरकार है. राजनीति में गठबंधन होते हैं, इसमें कोई नई बात नहीं है.
पवार के साथ, राउत को महाविकास आघाडी सरकार का आर्किटेक्ट माना जाता है, इन दोनों की कोशिशों के बाद ही यह गठबंधन हुआ था. शिवसेना ने इससे पहले राज्य में भाजपा के साथ अपने दशकों पुराने गठबंधन को खत्म कर दिया था, दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद हो गया था.