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18 कंपनियों से जुड़े हैं पंपी जैन, हाथरस में फैक्ट्री, कानपुर-मुंबई में दफ्तर

पंपी जैन के कानपुर से लेकर मुंबई तक के ठिकानों पर आयकर की कार्रवाई जारी है

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पम्पी जैन और अखिलेश यादव के फ़ाइल फोटो
समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य (MLC) और इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पंपी जैन के ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम 31 दिसंबर की सुबह से छापेमारी कर रही है. आयकर विभाग की यह कार्रवाई पंपी जैन के कन्नौज, कानपुर, हाथरस, नोएडा, मुंबई और गुजरात में स्थित ठिकानों पर चल रही है. आजतक के मुनीष पांडे और संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक पंपी जैन की एक कोठी और फैक्ट्री हाथरस जिले के हसायन इलाके में है. शुक्रवार तड़के दो गाड़ियों में आयकर विभाग के अधिकारी पंपी जैन के इन ठिकानों पर पहुंचे. कानपुर के प्रगति एरोमा कॉम्प्लैक्स में जैन का एक दफ्तर है, यहां भी आयकर विभाग के अफसर मौजूद हैं. इत्र कारोबारी की एक कंपनी का नाम भी प्रगति एरोमा है और इसका रीजनल दफ्तर मुंबई में है, वहां भी आयकर विभाग की एक टीम छापेमारी कर रही है. बताया जा रहा है कि मुंबई दफ्तर से ही दुबई और अबू धाबी समेत कई देशों में इत्र का इंपोर्ट किया जाता है. परिवार इत्र के कारोबार में सवाई लाल जैन के 4 बेटे हैं. पुष्पराज जैन, अतुल जैन, प्रभात जैन और पंकज जैन. पुष्पराज जैन कन्नौज और कानपुर में परफ्यूम के बिजनेस को देखते हैं, जबकि प्रभात जैन और पंकज जैन दोनों मुंबई में रहते हैं और मुंबई दफ्तर से व्यवसाय देखते हैं. पुष्पराज जैन उर्फ पंपी करीब 18 फर्मों या कंपनियों से जुड़े हुए हैं. इंडिया टुडे के मुताबिक पंपी जैन प्रगति एरोमा ऑयल डिस्टिलर्स प्रा लिमिटेड के निदेशकों में से एक हैं. 1989 में अतुल जैन, प्रभात जैन, पंकज जैन और पुष्पराज जैन को इस फर्म के निदेशक के रूप में शामिल किया गया था. इस कंपनी का रजिस्टर्ड दफ्तर मुंबई में है. इसके अलावा पुष्पराज जैन 12 और कंपनियों के निदेशक और 5 कंपनियों में पार्टनर रह चुके हैं. पीयूष जैन से संबंध पर क्या कहा था? इससे पहले कन्नौज के इसी मोहल्ले के पीयूष जैन के यहां डीजीजीआई ने छापा मारा था. इस छापे में 197 करोड़ रुपये कैश और 23 किलो सोना बरामद किया था. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि पीयूष जैन का पंपी जैन और सपा से कनेक्शन है. बीजेपी के आरोपों और उठ रहे तमाम सवालों पर पंपी जैन ने आजतक से बात की थी. पुष्पराज जैन ने कहा था,
पीयूष जैन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. जैन उनके नाम के आगे लगा है. जैन मेरे नाम के आगे लगा है. भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने इस मनगढ़ंत बात को आगे बढ़ा दिया. पीयूष जैन का न समाजवादी पार्टी से लेना-देना है, ना पम्पी जैन से कोई लेना-देना है.
पीयूष जैन से संबंध पर सपा विधायक ने आगे कहा,
हमारी मुलाकात नहीं होती थी, क्योंकि ये लोग कानपुर रहते थे. कन्नौज में पचासों हजार लोगों से मुलाकात होती है. कभी सड़क पर मिल गए तो हेलो, हाय हो जाती है बस. बाकी कोई लेना-देना नहीं है. वो कानपुर रहते हैं, हम कन्नौज रहते हैं. सालों हो जाता है जब मुलाकात नहीं होती, हेलो, हाय नहीं होती.
पीयूष जैन के यहां रेड के बाद खुद के गायब होने के आरोप पर भी पंपी जैन ने बातचीत की थी, उन्होंने कहा था,
सर्दी ज्यादा थी. मेरी मां 90 साल की हैं. 18 तारीख को ही मुंबई चला गया था, मां को छोड़ने. सर्दी में हम मां को मुंबई रखते हैं. मुंबई 3 से 4 बार जाना होता है. हमारा परिवार वहां रहता है. कोरोबार है मुंबई में.
  पीयूष जैन किसके करीबी हैं, इस सवाल के जवाब में पम्पी जैन ने कहा था,
पीयूष जैन के प्रोफाइल देखने पर मालूम पड़ जाएगा कि वो किसके करीबी हैं. कन्नौज का नाम बदनाम नहीं हो रहा है, बल्कि नाम हो रहा है.