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लखीमपुर हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं पर राकेश टिकैत ये क्या बोल गए!

कहा- वो एक्शन का रिएक्शन था.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते राकेश टिकैत (दाएं) और योगेंद्र यादव (बाएं). (फोटो-ANI)
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने 9 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल सिंह, जोगिंदर उगराहां के साथ स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव भी मौजूद रहे. इसी दौरान राकेश टिकैत से उन लोगों के बारे में सवाल किया गया जिन्हें कथित तौर पर लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार दिया गया और जिन्हें भाजपा कार्यकर्ता बताया जा रहा है. इस पर टिकैत ने कहा –
“वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा? जब जंगल में खूंखार कोई आदमी हो जाता है..एक्शन का रिएक्शन है वो, कोई प्लानिंग नहीं है. यहां पे दोषी किसको कहते हैं. यहां गाड़ियां टकराती हैं तो तुरंत दोनों उतर के लड़ने लगते हैं सड़क के ऊपर वो क्या है. वो रिएक्शन है, वो हत्या में नहीं आता. हम दोषी नहीं मानते.
टिकैत से पत्रकार ने फिर पूछा कि आप इनमें (लाठी चलाने वालों में) से किसी को दोषी नहीं मानते तो टिकैत ने साफ कहा कि- नहीं मानते. हालांकि टिकैत की बात को संभालते हुए योगेंद्र यादव ने फौरन कहा कि किसी की भी असामयिक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण होती है इसलिए न्याय सभी को मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा किसी की भी मृत्यु को सही ठहराने की कोशिश नहीं कर रहा है. बता दें कि जब मृत किसानों के परिवारों को मुआवजे की घोषणा हुई थी, तबसे अजय मिश्रा और आशीष मिश्रा मृत भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए भी मुआवजे की मांग उठाते आ रहे हैं. आशीष मिश्रा ने एक इंटरव्यू में आरोप लगाते हुए ये तक कहा था कि इन लोगों को लाठी-डंडे और नुकीले हथियारों से बेरहमी से मारा गया और ऐसा करने वाले किसान तो नहीं हो सकते. वहीं योगेंद्र यादव ने कहा -
"संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि इस हत्याकांड के प्रमुख आरोपी मोनू मिश्रा और उसके हिस्ट्रीशीटर बाप अजय मिश्रा को गिरफ्तार किया जाए. अजय मिश्रा को यूनियन काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स से बर्ख़ास्त किया जाए. किसानों के लिए ये घटना जलियांवाला बाग से कम नहीं है. और पिछले छह दिन से सरकार ने किसानों के जख़्मों पर नमक ही डाला है. वो सरकार, जो ठोको की नीति पर काम करती है, अपराधियों के नाम पर पकड़कर गोली मार देती है, वो मंत्री के बेटे को 6 दिन बाद बुलाकर कॉफी पिला रही है."
किसान नेताओं ने खीरी हिंसा के विरोध में अपनी आगे की योजना बताई. 5 चरणों में कार्यक्रम बनाया गया है. इसकी जानकारी देते हुए योगेंद्र यादव ने बताया कि 12 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा वाली जगह पर ही पहुंचकर शोक सभा का आयोजन किया जाएगा. इसी जगह से किसानों की अस्थियां लेकर कलश यात्रा शुरू होगी, जो 24 अक्टूबर तक चलेगी. UP के हर जिले में और अन्य राज्यों में ये कलश यात्रा ले जाई जाएगी. उसके बाद इन्हें विसर्जित किया जाएगा. इसके अलावा दशहरे के दिन यानी 15 अक्टूबर को अहंकार के नाश के प्रतीक स्वरूप नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के पुतले जलाने की योजना है.