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राजस्थान पुलिस अलवर गैंगरेप की जांच सड़क हादसे के ऐंगल से क्यों कर रही है?

दबी जुबान में क्या कह रही है पुलिस?

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
राजस्थान के अलवर में मूक बधिर नाबालिग लड़की के कथित गैंगरेप मामले में नई जानकारियां सामने आई हैं. पुलिस के हवाले से आई कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ये मामला गैंगरेप का नहीं, बल्कि रोड ऐक्सिडेंट का हो सकता है. हालांकि पुलिस ये बात दबी जुबान से कह रही है. क्या कह रही पुलिस? आजतक से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस खुलकर तो कुछ नहीं कह रही, लेकिन उसके सूत्रों ने मामले में एक डिलीवरी बॉय को हिरासत में लिए जाने की बात कही है. उनका कहना है कि 11 जनवरी को इसी डिलीवरी बॉय की बाइक से टक्कर होने के चलते पीड़ित लड़की बुरी तरह जख्मी हो गई. इस आधार पर पुलिस को शक है कि नाबालिग के साथ हुई घटना गैंगरेप नहीं, बल्कि सड़क हादसे का नतीजा हो सकती है. सूत्रों के अनुसार पुलिस ने घटना वाली जगह के पिछले सात दिनों के CCTV फ़ुटेज निकाले हैं. इनके जरिये वो वहां से गुज़रने वाले वाहनों की पड़ताल कर रही है. इसी सिलसिले में डिलीवरी बॉय को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. वहीं अलवर SP ने कहा कि मामले की जांच अभी चल रही है और कुछ लीड मिला है. वहीं नाम नहीं लेने की शर्त पर पुलिस अधिकारी भी कह रहे हैं कि पुलिस हादसे के ऐंगल से इस घटना की जांच कर रही है. इस बीच तफ्तीश के लिए जांच अधिकारियों की विशेष टीम बुधवार 19 जनवरी को अलवर पहुंच गई. बता दें कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला ले चुकी है. बीती 16 जनवरी को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें ये फैसला किया गया था. बीजेपी हमलावर हालांकि विपक्षी बीजेपी का आरोप है कि गहलोत सरकार ने दबाव की वजह से मामला सीबीआई को सौंपा है. आजतक से जुड़े धीरज रावल की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,
मुख्यमंत्री को दबाव में आकर सीबीआई की जांच को स्वीकार करना पड़ा. पहले स्वीकार कर लेते तो वाहवाही मिलती. लेकिन वो मामले को रफा दफा करने में लगे रहे. उनके नेता का दबाव आया तो मुख्यमंत्री को मानना पड़ा.
कटारिया ने कहा कि उन्हें ये सुनकर आश्यर्य होता है कि घटना की जांच कर रही एसपी लेवल की महिला ही मामले में क्लीन चिट दे रही है कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर रेप नहीं हुआ. रेप की पुष्टि हुई थी इससे पहले बीती 12 जनवरी को नाबालिग से कथित गैंगरेप का मामला सामने आया था. घटना की पीड़िता बोल और सुन नहीं सकती है. बताया गया कि उसकी दिमागी हालत भी ठीक नहीं है. उस समय की खबरों के मुताबिक सामूहिक बलात्कार करते हुए आरोपियों ने पीड़िता के साथ बर्बरता भी की थी. बताया गया कि उसके प्राइवेट पार्ट में नुकीली चीज से कई वार किए गए थे. इसके चलते पीड़िता का ऑपरेशन करना पड़ा था. अलवर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती के दौरान ही पीड़िता से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. लेकिन अब पुलिस के हवाले से इसके सड़क हादसा होने का शक जताया गया है.