'मराठी राबड़ी देवी'
बीती 4 जनवरी की शाम को जितेन गजरिया ने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी और शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' की संपादक रश्मि ठाकरे की एक फोटो लगाकर ऊपर कैप्शन में लिखा,मराठी राबड़ी देवी.
जितेन गजरिया के ट्वीट का स्क्रीनशॉट.
इसके बाद बवाल कट गया. शिवसेना कार्यकर्ताओं के विरोध और शिकायत करने पर मुंबई पुलिस की साइबर सेल पूछताछ के लिए जितेन गजरिया के ऑफिस पहुंची और अपने साथ बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स साइबर सेल ऑफिस लेकर आ गई. गुरुवार 6 जनवरी को कई घंटों तक जितेन से पूछताछ की गई. बाद में उन्हें जाने दिया गया.
बीजेपी नाराज
जितेन गजरिया के खिलाफ हुई कार्रवाई से बीजेपी नाराज हो गई. पार्टी के नेता प्रतीक करपे ने ट्वीट करके कहा,मैं सुन रहा हूं कि साइबर पुलिस सोशल मीडिया प्रभारी जितेन गजरिया जी के कार्यालय पहुंची है. क्या ये सच है मुंबई पुलिस? क्या किसी के कार्यालय में नोटिस दिए बिना जाना कानूनी है? क्या आपका यही मतलब है उद्धव ठाकरे कि सवाल पूछना अपराध है?
आनंद रंगनाथन समर्थन में आए
गजरिया पर हुई कार्रवाई को लेकर कुछ लोग उनके समर्थन में नजर आ रहे हैं. इनमें स्वराज के सलाहकार संपादक और स्तंभकार आनंद रंगनाथन भी शामिल हैं. उन्होंने गजरिया का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर तंज कसा है. आन्ंद रंगनाथन ने ट्वीट करके लिखा,
सोचा था जितेन गजरिया से पूछताछ के बाद हुई फजीहत से महाराष्ट्र पुलिस ने शायद सबक सीखा हो. लेकिन ऐसा लगता नहीं. अब उसने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुणे पुलिस को रवाना कर दिया है. ये अजीब है... मैं जितेन के साथ हूं.
रश्मि ठाकरे के अलावा जितेन गजरिया ने शरद पवार पर भी तंज कसा था. एक ट्वीट में उन्होंने 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' फिल्म के एक सीन का स्क्रीनशॉट लगाया जिस पर लिखा था- बेटा तुमसे ना हो पाएगा. वहीं कैप्शन में उन्होंने ये बताने की कोशिश की कि दरअसल खराब स्वास्थ्य के चलते सीएम उद्धव से कोरोना संकट नहीं संभल रहा है, इसलिए पवार ने खुद इसका चार्ज ले लिया है.
राबड़ी देवी से तुलना क्यों?
सालों पहले चारा घोटाला मामले में जब लालू प्रसाद यादव को बिहार के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा तो जेल जाने से पहले उन्होंने राज्य की बागडोर अपनी पत्नी राबड़ी देवी के हाथों में दे दी थी. राबड़ी देवी उस समय केवल एक घरेलू महिला थीं, जो राजनीति और प्रशासन के बारे में कुछ नहीं जानती थीं. उद्धव ठाकरे किसी करप्शन केस में तो नहीं हैं, लेकिन हाल में उनके बिगड़ते स्वास्थ्य की वजह से महाराष्ट्र में सत्ता नेतृत्व को लेकर सवाल उठे हैं. बताया जाता है कि इसी वजह से इतिहास में पहली बार महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र नागपुर के बजाय मुंबई में बुलाया गया था. इस बीच शिवसेना नेता और मंत्री अब्दुल सत्तार ने कह दिया कि उद्धव की पत्नी रश्मि ठाकरे को अगर मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वो राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार चलाने में सक्षम हैं. इसी को लेकर जितेन गजरिया ने रश्मि ठाकरे की तुलना राबड़ी देवी से की थी.(ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे श्यामेंद्र ने लिखी है.)