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PM मोदी के टेलीप्रॉम्प्टर वाले वीडियो में एक आवाज़ भी आती है, 'सर, उनसे आप एक बार पूछें...'

क्या PM मोदी के टेलीप्रॉम्प्टर में कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी?

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वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम को संबोधित करने कए दौरान बीच में रुके पीएम मोदी (फोटो: यूट्यूब\ नरेंद्र मोदी)
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम यानी WEF 17 जनवरी से 21 जनवरी तक दवोस एजेन्डा (Davos Agenda) का आयोजन कर रही है. दवोस क्या है? स्विट्ज़रलैंड का एक शहर है. यहीं पर हर साल WEF का आयोजन होता है. अब साल 2022 के आयोजन के पहले दिन यानी सोमवार, 17 जनवरी को पीएम मोदी (Narendra Modi) ने सम्मेलन को संबोधित किया. वर्चुअल तरीक़े से. लेकिन उनके भाषण के दौरान अचानक कुछ तकनीकी गड़बड़ी हुई और प्रधानमंत्री को बीच में ही अपने भाषण को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा, इस दौरान पीएम वहां मौजूद लोगों को इशारा करते हुए भी दिखाई दिए. जल्दी ही ये इस घटना की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगी. विपक्ष समेत कई लोग ये कहकर पीएम मोदी की आलोचना करने लगे कि वे टेलीप्रॉम्प्टर से देखकर भाषण पढ़ रहे थे. टेलीप्रॉम्प्टर क्या होता है? एक स्क्रीन होती है, जिस पर भाषण लिखा हुआ आता है, जिसे पढ़कर नेता और ऐंकर वग़ैरह अक्सर अपने भाषण देते हैं. अब इसी घटना के अन्य वीडियो भी सामने आए हैं. उन वीडियोज़ के साथ ये दावा नत्थी है कि टेलीप्रॉम्प्टर की गड़बड़ी नहीं है, मामला कुछ और है. पूरा मामला क्या है? ट्विटर पर वायरल वीडियो के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने WEF में अपना भाषण शुरू कर दिया था, अचानक पीएम रुकते हैं और अपनी बायीं ओर देखते हैं, फिर पीएम परेशान होकर वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के चेयरमैन क्लॉस शेवाब से पूछते हैं कि
"क्लॉस शेवाबजी, ठीक से सुना रहा है? और हमारे इन्टर्प्रटर (अनुवादक) की आवाज भी पहुंच रही है सबको?"
इसपर चेयरमैन क्लॉस कहते हैं कि
"आवाज आ रही है, हम आपको सुन सकते हैं मिस्टर प्राइम मिनिस्टर."
इसके बाद पीएम मोदी फिर से अपना संबोधन फिर से शुरू करते हैं, उन्होंने करीब आधे घंटे तक वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम को संबोधित किया. वीडियो वायरल होते ही विपक्ष पीएम मोदी पर निशाना साधने लगा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा
"इतना झूठ Teleprompter भी नहीं झेल पाया."
वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता राधिका खेड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा कि
"क्या यही वजह है कि पीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते हैं." 
  इस घटना के बाद ट्विटर पर विपक्ष समेत कई यूजर्स  #TeleprompterPM के हैशटैग के साथ ट्वीट करने लगे. वहीं इस मामले में बीजेपी समर्थकों का दावा है कि पीएम का टेलीप्रॉम्प्टर ख़राब नहीं हुआ था. यूपी के CM योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट किया और कहा कि
"टेलीप्रॉम्प्टर की गड़बड़ी पर उत्साहित होने वालों ने ये ध्यान नहीं दिया कि असल में दिक़्क़त WEF के एंड पर थी. वो PM मोदी से जुड़ नहीं पा रहे थे, इसलिए उन्होंने उनसे फिर से शुरू करने का आग्रह किया."

एक और सोशल मीडिया यूज़र भगवती ने लिखा कि दुनिया का हरेक नेता टेलीप्रॉम्प्टर यूज करता है. इधर एक ग्लिच क्या हुआ और लोग अपने ही PM का मज़ाक़ उड़ाने लगे?

"सर उनसे आप एक बार पूछें कि सब जुड़ गए क्या?"

इस पूरे घटनाक्रम में आल्ट न्यूज के फैक्ट चेकर प्रतीक सिन्हा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस घटना का एक और वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में बैकग्राउंड में एक व्यक्ति की कुछ आवाज सुनाई दे रही है. ये व्यक्ति भाषण के बीच में पीएम से कहता है इसके बाद पीएम मोदी अपने एक कान में ईयरपीस जैसा कुछ लगाते हैं और WEF के चेयरमैन क्लॉस शेवाब से पूछते हैं कि क्या उनकी आवाज आ रही है और क्या अनुवादक की आवाज भी साफ सुनाई दे रही है. क्लॉस शेवाब कहते हैं आवाज आ रही है. जिसके बाद पीएम ने करीब आधे घंटे तक इस सम्मेलन को संबोधित किया. ये वीडियो क्लिप वो है जिसे WEF ने रिकार्ड किया है. वहीं जो वीडियो पीएम नरेंद्र मोदी के यूट्यूब चैनल पर लाइव जा रही थी, उसमें बैकग्राउंड में बोलने वाले इस व्यक्ति की आवाज नहीं सुनाई दी. लेकिन सोशल मीडिया पर एक तबका ऐसा भी है, जो टेलीप्रॉम्प्टर के इस्तेमाल को गड़बड़ नहीं मानता है. और उनका कहना है कि ये अगर टेलीप्रॉम्प्टर से जुड़ी घटना है भी, तो ऐसी घटना है, जो किसी के भी साथ हो सकती है. ऐसे ही एक यूज़र अनीश तिवारी ने लिखा है,
"जो लोग PM मोदी के WEF के संबोधन के दौरान हुई गड़बड़ी का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं, वो थोड़ा परिपक्व हो जाएं. ये आम तौर पर किसी इंसान के लिए मुमकिन नहीं है कि वो हरेक स्पीच रट ले. (मज़ाक़ उड़ाने में) इतना तुच्छ हो जाना ग़लत है. किसी के भी साथ ऐसा हो सकता है."