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"PM मोदी पकड़े गए इसलिए इंटरव्यू दिया", राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को लेकर राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने इस स्कीम को ‘जबरन वसूली योजना’ बताया और कहा कि पीएम मोदी ही इसके 'मास्टरमाइंड' हैं.

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इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी, 2024 को प्रतिबंध लगा दिया था. (इंडिया टुडे)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ANI को दिए इंटरव्यू के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पकड़े गए हैं इसलिए इंटरव्यू दे रहे हैं. राहुल गांधी ने इस स्कीम को ‘जबरन वसूली योजना’ बताया और कहा कि पीएम मोदी ही इसके मास्टरमाइंड हैं. कांग्रेस सांसद ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा,

जैसे ही कंपनी चंदा देती है, उसकी CBI जांच बंद कर दी जाती है. कंपनी को इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है. अगर इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम और तारीख जांची जाए तो पता चलेगा कि बॉन्ड खरीदने के तुरंत बाद या तो CBI जांच वापस ले ली जाती है या फिर कोई कॉन्ट्रैक्ट दे दिया जाता है.

इससे पहले पीएम मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड लाने के पीछे की मंशा ये थी कि चुनाव मे कालेधन का इस्तेमाल बंद किया जा सके. इस समस्या के समाधान के रूप में ये स्कीम लाई गई थी. उन्होंने कहा कि इस स्कीम को बंद करने से कालेधन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा

इसको बंद करने से सबको पछतावा होगा.

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राहुल गांधी ये आरोप लगाते रहे हैं कि चंदा देने के बाद जांच एजेंसियां कंपनियों के खिलाफ केस बंद कर देती हैं. इंटरव्यू में इसे लेकर पीएम ने कहा,

तीन हजार कंपनियों ने इस स्कीम के तहत चंदा दिया है. इनमें 26 के खिलाफ ED की जांच चल रही है. इन 26 में से 16 कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने ED की कार्रवाई के बाद चंदा दिया. इनमें से भी सिर्फ 37 प्रतिशत ने बीजेपी को चंदा दिया बाकी 63 प्रतिशत ने विपक्ष को चंदा दिया है.

केंद्र सरकार 2017 में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लेकर आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी, 2024 को इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. अदालत ने ये कहते हुए रोक लगाई थी कि इसमें पारदर्शिता नहीं है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SBI ने सभी चंदा देने वालों के नाम सार्वजनिक किए थे.

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