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इस बच्ची के जज्बे को सलाम, लेकिन पूरा कहानी जानकर तारीफ करने वाले सिर पीट लेंगे

पैरों में टैप बांध कर दौड़ी और 3 गोल्ड मेडल जीत लाई.

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रेस में हिस्सा लेने के लिए तैयार बच्ची. फोटो साभार- FB/Predirick B. Valenzuela
सोशल मीडिया के कई नकारात्मक पहलू हैं इसमें कोई शक नहीं. एक गलत जानकारी वायरल होती नहीं कि किसी व्यक्ति, परिवार, समुदाय, कंपनी, संस्थान वगैरा की इमेज की वाट लग जाती है. पर लोग फिर भी ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लैटफॉर्म्स से चिपके हुए हैं तो इसकी एक बड़ी वजह है सोशल मीडिया की कुछ पॉजीटिव साइट्स. मसलन, किसी जरूरतमंद तक मदद पहुंचाने में सोशल मीडिया कभी-कभी बहुत काम का साबित होता है. और कभी किसी को ये रातोंरात फेम दिला देता है. जैसे एक 11 साल की बच्ची को दिला दिया है. उसके जज्बे को सलाम कर लोग उसे 'भारत की बेटी' बता रहे हैं. पर मामले में थोड़ा ट्विस्ट है. वो भी बताएंगे. पहले तस्वीर देखिए.

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तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है.

पैरों में टेप लगाकर भागी और 3 गोल्ड मेडल ले आई

तस्वीर में दिख रही बच्ची ने पैरों में पट्टी बांध रखी है. उसने पट्टी को जूते के आकार में बांधा है. खास बात ये कि उसने उस पर जूता बनाने वाली कंपनी का नाम (Nike) लिखकर लोगो भी बना दिया. सोशल मीडिया पर इस बात की तारीफ हो रही है कि बच्ची ने नंगे पैरों में पट्टी बांधकर रेस में हिस्सा लिया और तीन गोल्ड मेडल भी जीत डाले.
इस खबर के साथ बच्ची की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो उसकी तारीफ करने लोग उमड़ पड़े. हाई कोर्ट यूपी नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया,
हौसला हो तो ऐसा. 11 साल की लड़की के पास रेस में दौड़ने के लिए जूते नहीं थे. पैरों पर टेप से जूतों का डिज़ाइन बनाया और उस पर Nike लिख दिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये लड़की इन्हीं टेप वाले जूतों से दौड़कर विजेता बन गई.

डॉ रोहित सक्सेना नाम के यूजर ने लिखा,
बताओ इस बेटी के हौसले को हराने का दम किसमें है?
आम लोगों के साथ-साथ चर्चित यूजर्स ने भी बच्ची की तस्वीर को शेयर किया है. उसकी तारीफ करते हुए लोगों ने उसकी तुलना हिमा दास से की. कुछ ने लड़की की मदद के लिए उसका पता जानने की इच्छा जाहिर की है. इनमें पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह भी शामिल हैं. उन्होंने लिखा,
क्या कोई मुझे हमारी इस बेटी के बारे में जानकारी दे सकता है... मैं इसकी शिक्षा और खेल का खर्च उठाऊंगा.
एक और यूजर रयान ने लिखा,
हौसला हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता. एक 11 साल की लड़की है. इसके पास रेस में दौड़ने के लिए जूते नहीं थे तो इसने अपने पैरों पर टेप से जूतो का डिज़ाइन बनाया और उस पर, Nike जो कि जूते बनाने वाली एक बहुत बड़ी कंपनी है, लिख दिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये लड़की इन्हीं टेप वाले जूतो से दौड़कर 3 गोल्ड मेडल जीत गई.

 


कई लोगों ने Nike कंपनी के सामने मांग रख दी कि बच्ची ने उसके ब्रैंड का प्रमोशन किया है तो अब उसे आजीवन मुफ्त जूते दिए जाने जाहिए. भारत की नहीं है ये बच्ची बच्ची के लिए लोगों का उमड़ता प्यार देखकर हमने सोचा क्यों ना हम भी अपने पाठकों के इसके बारे में बताए. लेकिन जब हमने खबर के बारे में पता लगाया तो मामला थोड़ा अलग निकला. दरअसल जिस बच्ची को लोग 'दूसरी हिमा दास' समझ रहे हैं, वो भारत की नहीं फिलिपींस की बेटी है.
जी हां. और तस्वीर भी दो साल पुरानी है सर जी. 2019 की. बच्ची की बास्केटबॉल टीम के हेड कोच ने उसकी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल बताया था कि उसका नाम रिया बुलोस है. कोच के मुताबिक बच्ची ने स्कूल स्पोर्ट्स काउंसिल मीट में हिस्सा लिया था. लेकिन उसके पास पहनने के लिए जूते नहीं थे. तो उसने बैंडेज से ही पैरों को कवर कर लिया और उस पर Nike का नाम लिखा और लोगो भी बना दिया. जूते ना होने के बावजूद भी रिया ने 400 मीटर, 800 मीटर और 1500 मीटर रेस में तीन गोल्ड मेडल जीते थे. रिया की कहानी सामने लाकर कोच ने मदद की अपील की, जिसके बाद लोग मदद के लिए आगे भी आए थे.
तो क्या समझे? कि सोशल मीडिया पर कुछ पॉजीटिव शेयर करते हुए भी अंधविश्वास नहीं करने का, अपनी अक्ल लगाने का. हैपी वीकेंड!