केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 12 मार्च को अहमदाबाद में डांडी साइकिल यात्रा का शुभारंभ करने गए थे. इस दौरान अमित शाह ने आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी के योगदान का बखान किया. इस बीच शाह ने कहा,
‘‘समस्या यह है कि हम गांधी के दिखाए रास्ते से भटक गए. प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति में गांधी के आदर्शों को शामिल किया है. मसलन, मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ रोजगारपरक शिक्षा को महत्व देना. प्रधानमंत्री द्वारा सभी गांधीवादी सिद्धांतों को नई शिक्षा नीति में पिरोया गया है.''शाह ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनईपी कानून बनाते समय शिक्षा की आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखा.
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई के अलावा किसी भी देश ने बिना सशस्त्र क्रांति के आजादी हासिल नहीं की. उन्होंने कहा कि हमारा सबसे बड़ा हथियार था लोगों के बीच जागरूकता. इसी जागरूकता की वजह से भारत पर किसी भी देश के लिए शासन करना असंभव हो गया था.
इस बीच अमित शाह ने एक और बयान दिया. शाह ने कहा,
"सत्याग्रह के प्रयोग, सत्याग्रह का विचार और सत्याग्रह का सिद्धांत. ये तीनों गांधीजी से पहले 'सनातन' के सिद्धांतों के आधार थे. हालांकि, गांधी जी ने इसे फिर से लोगों के बीच प्रचलित किया और स्वतंत्रता संग्राम में इसे मुख्य हथियार बना दिया."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो- इंडिया टुडे)
अमित शाह डांडी यात्रा के 92वीं सालगिरह के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा,
"ब्रिटिश सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन गांधीजी को गिरफ्तार करना चाहिए या नहीं, इस बारे में वो फैसला नहीं कर पा रहे थे. और उन्होंने अलग-अलग रणनीतियां बनाईं थीं, लेकिन वे समझ गए कि यात्रा के बीच में गांधीजी को गिरफ्तार करने से क्या हो सकता है."शाह ने केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति की तारीफ की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनईपी कानून बनाते समय शिक्षा की आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखा. उन्होंने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी गांधी के विचारों पर आधारित है. NEP में मातृभाषा पर जोर दिया गया है.