न्यूज़ चैनल NDTV के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा,
" खट्टर साहब बुजुर्ग हैं, मैं उनका आदर करता हूं. वो मुख्यमंत्री हैं एक प्रदेश के. लेकिन मैं उनसे ये निवेदन करना चाहता हूं कि वो इस महाभारत को ना छेड़ें. इस वक्त कोई चुनाव नहीं है. कोई पार्टी के प्रचार की जरूरत नहीं है. लेकिन वो जानबूझ कर उन सेंसेटिव एरिया में अपनी मीटिंग रख रहे हैं. करनाल है, रोहतक है. जहां उनको पता है कि ये रिएक्शन होगा. और वो चाहते हैं कि ये चीज बढ़े. एक तरह से वो केंद्रीय नेतृत्व को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं."फतेहाबाद में सड़कों पर प्रदर्शन करते किसान. फोटो- आजतक
राज्यपाल मलिक ने कहा,
"मैं केंद्र के नेताओं से जब मिला तो मैंने हाथ जोड़कर यही प्रार्थना की है कि दो ही काम मत करना. एक तो किसानों को खाली हाथ मत भेजना. दूसरे इन पर बल प्रयोग मत करना. जिस दिन आप इन पर बल प्रयोग करना शुरू कर दोगे, तो उसका फिर कोई अंत नहीं है. सिर किसान का ही नहीं फूटता है, सिर एसडीएम का भी फूट जाएगा किसी दिन. उसके और ऊपर के लोगों का भी फूट जाएगा. लिहाजा इमिडिएट एक्शन करना चाहिए चीफ मिनिस्टर को उसके खिलाफ. और किसानों से क्षमा याचना करनी चाहिए."उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा,
"देखिए मैं ये मानता हूं कि अभी तक पीएम या गृहमंत्री ने कहीं भी बल प्रयोग नहीं किया है. सिर्फ हरियाणा में खट्टर साहब इसको बढ़ाना चाहते हैं. बिना उनके इशारे के ये नहीं हुआ होगा. वो इस अफसर के खिलाफ तुरंत एक्शन लें, ये नौकरी पर रहने लायक नहीं है. ये लोग जो सरकार चला रहे हैं वो यहां का मिजाज नहीं समझते हैं. लड़ाई शुरू हो गई तो पता नहीं है कितनी दूर तक जाएगी."बीजेपी नेताओं पर बोलते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा,
"एक सिम्पैथी का शब्द नहीं आया है सरकारों की तरफ से. इसका लोगों में कितना गुस्सा है, ये अंदाजा नहीं है. मुझे अंदाज है कि क्योंकि वेस्टर्न यूपी के किसी गांव में बीजेपी का कोई नेता घुस नहीं सकता है. यही हालत हरियाणा की भी है. आधे राजस्थान की भी यही हालत है. और पंजाब में आप हैं ही नहीं. जो इसको बढ़ा रहा है वो इस सरकार का दुश्मन है. चाहे वो एसडीएम हो या चीफ मिनिस्टर हो. मैं हिसाब लगाकर नहीं बोलता, दिल से बोलता हूं. मैं अपने लोगों के साथ हूं और रहूंगा, चाहे जो नतीजे हों."क्या हुआ था करनाल में? शनिवार 28 अगस्त को करनाल से करीब 15 किलोमीटर पहले एक टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया था. कई किसान घायल हुए थे. एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वो पुलिसवालों से किसानों का ‘सिर फोड़ देने’ की बात कहते दिखे थे. इस घटना के बाद से किसान गुस्से में हैं. हरियाणा के कई शहरों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने एसडीएम आयुष सिन्हा को बर्खास्त करने की मांग की है. वहीं पुलिस का दावा है कि इलाके में धारा 144 लागू थी और प्रदर्शनकारियों ने इसका उल्लंघन किया. प्रदर्शनकारियों की ओर से पत्थरबाजी की गई जिसके बाद मजबूरी में पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी.