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वाशिंगटन की सड़कें न सही, गोवा के बीच का मज़ा तो लिया जा सकता है!

मध्य प्रदेश के अनूपपुर में खराब सड़क पर लोगों का अनोखा प्रदर्शन. नगर पालिका ने सड़क की मरम्मत नहीं कराई तो फूल-पौधों से सजा कर बीच का मजा लेने लगे.

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सड़क के बीच बने गड्ढे में कुर्सी डालकर बैठे स्थानीय लोग (फोटो: सोशल मीडिया)

खबर तो बस इतनी ही है कि एमपी के अनूपपुर में खराब सड़क ठीक नहीं हुई तो रहवासियों ने गड्ढे को सजाकर, संगीत बजाकर, टेबलें लगाकर, एन्जॉय करना शुरू कर दिया. लेकिन बात सिर्फ इतनी ही कहां है. कानपुर के जनकवि शाहिद अल्वी सिड ने इस दौर की सबसे ज़रूरी कविता में कहा था.  

'नगरपालिका को बुलाओ, 
देश बाद में सुरक्षित होगा, 
पहले गड्ढा सुरक्षित कराओ.'

सिड उत्तर प्रदेश के हुए मध्य प्रदेश के न हुए. एमपी में अनूपपुर जिला हुआ. वहां से अद्भुत दृश्य आए. नगर पालिका बुलाई नहीं जा सकी, क्योंकि सब नहीं बुला पाते लक्ष्मण. गड्ढा सुरक्षित नहीं हुआ. सड़क वाशिंगटन सी नहीं बन पाई, वाशिंगटन डीसी सी भी नहीं हो पाई. तो रहवासियों ने आपदा में अवसर खोजा. उपलब्ध संसाधनों में गोवा के बीच सा माहौल खड़ा किया गया. आप चाहें तो इसे मियामी बीच भी कह सकते हैं. 

बात बिजुरी नगर पालिका की है. आजतक से जुड़े पत्रकार रवीश पाल सिंह और रावेंद्र शुक्ला बताते हैं. टू बी एक्जैक्ट बात अनूपपुर के अंतिम छोर और बिजुरी मनेंद्रगढ़ को जोड़ने वाली सड़क की है. थोड़ा और एक्जैक्ट होना चाहें तो बिजुरी नगर पालिका के वार्ड क्रमांक सात और आठ कपिलधारा कॉलोनी के बीच से गुजरने वाली सड़क की है. सड़क ऐसी जो कॉलोनी का नाम जलधारा कॉलोनी कराने को उतारू है.

सड़क पर गड्ढों और उनमें भरे पानी के कारण सुविधा इतनी ज़्यादा हो पड़ी थी कि स्थलमंडल और जलमंडल में अंतर ख़त्म हुआ जा रहा था. भूगोल के छात्र सड़क पर खड़े हो, सागरीय दशाओं का अध्ययन कर पा रहे थे. नतीजतन, रहवासियों ने गड्ढे  के आसपास फ्लोरा और फौना की व्यवस्था की. वनस्पतियों के साथ मौके पर बतखें भी दिखती हैं. साथ ही संगीत का इंतजाम किया. अब वहां कक्कड़ भाई-बहन गाते मिलते हैं,  

गोवा वाले बीच पे,
रानी आंखें मींच के,
ठंडी-ठंडी बीयर पिएंगे,
दोनों फोटो खींच के

जब तक में विद्वान ये तय करें कि शराब से मानव शरीर को ज़्यादा खतरा है, स्वीमिंग वाले पूल से या ऐसे संगीत से तब तक कक्कड़ भाई-बहन गाना बंद करते हैं. मीत भाइयों का गीत बजता है.

सबसे होके बेफिक्र, 
नाचूं मैं आज छम छम छम हे, 
छम छम छम हे.

रहवासी पेय पदार्थों को गले से नीचे उतारते हैं. टेबल पर बैठे-बैठे गंधैले पानी में अठखेलियां कराते हैं. कोई एक गोवा सी टोपी पहन लेता है तो कोई 'हरमाल बीस रुपिया' वाली गेंद लेकर आ जाता है और खेलने लगता है. कुल जमा मध्य प्रदेश का एक इलाका सरकारी प्रश्रय पाकर गोवा हुआ जाना चाहता है. वीडियो वायरल है. रहवासी कहते हैं कि बड़े-बड़े ट्रेलर इलाके में कोयला लोड कर आते हैं, जिससे सड़क के परखच्चे उड़ गए हैं और नगरपालिका ने कभी मरम्मत नहीं कराई. मजबूरन रहवासियों को गड्ढे में भरे पानी में एन्जॉय करना पड़ रहा है. डर बस इस बात का है कि कहीं प्रशासन चेत कर सड़क बनवा न दे. वर्ना रहवासियों का मजा खराब हो जाएगा.  

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