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लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट में किसका हाथ? खुफिया एजेंसी और CM चन्नी कर रहे अलग-अलग बात

ब्लास्ट में हाई क्वालिटी विस्फोटक का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है.

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Ludhiana Court में हुए ब्लास्ट के बाद जांच के लिए पहुंचे अधिकारी. (फोटो: PTI)
लुधियाना कोर्ट (Ludhiana Court) में हुए बम धमाके लिए हाई क्वालिटी के एक्सप्लोसिव मटेरियल का इस्तेमाल हुआ है. ये जानकारी घटनास्थल पर पहुंची फॉरेंसिक और बॉम्ब स्क्वाड की टीम ने दी है. इस धमाके में अभी तक कम से कम एक व्यक्ति की जान गई है, वहीं पांच लोग घायल हुए हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि इस धमाके के पीछे पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी ISI के समर्थन वाले खालिस्तानी समूहों का हाथ हो सकता है.

तीन बार जारी किया अलर्ट

इंडिया टुडे ने अपने सूत्रों के आधार पर जानकारी दी है कि भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों को हमले के संबंध में इनपुट मिले थे. इसके बाद इन एजेंसियों ने तीन बार अलर्ट जारी किया था. इनमें कहा गया था कि ISI के समर्थन वाले खालिस्तानी समूह पंजाब में संवेदनशील इमारतों और भीड़ वाले स्थानों पर आतंकी हमले कर सकते हैं. सबसे ताजा इनपुट 23 दिसंबर को ही मिला था. इसी दिन दोपहर करीब साढ़े 12 बजे लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट हो गया. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी भी आई है कि धमाके के पीछे बब्बर खालसा नाम के कट्टरपंथी समूह का हाथ हो सकता है. इसे ISI का समर्थन हासिल है.
धमाके के बाद Ludhiyana Court के बाहर इकट्ठा हुए लोग.
धमाके के बाद Ludhiyana Court के बाहर इकट्ठा हुए लोग.

बम लगाने वाला ही मारा गया!

रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लास्ट में मारे गए व्यक्ति की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. धमाके की वजह से उसके शरीर को इतना नुकसान पहुंचा है कि उसकी पहचान करना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है. उसके शरीर पर एक टैटू की पहचान हुई है. अधिकारियों उम्मीद लगा रहे हैं कि इससे उन्हें कोई पुख्ता जानकारी मिल सकती है.
दरअसल NSG और पुलिस अधिकारियों का ये भी मानना है कि धमाके में जिस व्यक्ति की मौत हुई है, वही कोर्ट में बम लगाने गया था. उनका अनुमान है कि बम लगाते वक्त व्यक्ति की गलती से उसमें ब्लास्ट हो गया जिससे उसकी जान चली गई.
दूसरी तरफ, लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट की पूरी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दे दी गई है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि लुधियाना ब्लास्ट के पीछे अभी तक पाकिस्तान या फिर किसी खालिस्तानी समूह का हाथ होने के सबूत नहीं मिले हैं. हालांकि, इससे पहले राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह ने कहा था कि धमाके के पीछे बाहरी ताकतों का हाथ होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
इससे पहले चन्नी ने ये भी कहा था कि लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट और ड्रग्स के उस मामले में संबंध है, जिसमें पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने ये भी कहा था कि जब से उनकी सरकार ने राज्य में ड्रग्स के खिलाफ सख्ती की है, तब से ही गोल्डन टेंपल और कपूरथला गुरुद्वारे में बेअदबी की कोशिश हुई.
ये तमाम जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब पंजाब सहित देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने में ज्यादा समय नहीं बचा है. ओमिक्रॉन संकट के अलावा इस बम ब्लास्ट ने पंजाब में चुनावों की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन की चिंता जरूर बढ़ा दी है.