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लखीमपुर मामले में अगर कोर्ट ने SIT की बात मानी तो आशीष मिश्रा का जेल से निकलना मुश्किल हो जाएगा

SIT ने पाया है कि ये घटना पूरी तरह से प्लैन्ड थी

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केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे पर आशीष पर किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप है (फोटो: आजतक )
किसान आंदोलन के दौरान कुछ घटनाएं ऐसी हुईं, जो हर अखबार और टीवी चैनल पर बड़ी सुर्खियां बनीं. उनमें से एक थी लखीमपुर खीरी में हुई जघन्य वारदात. इस घटना में नाम आया केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का. मामले में ताज़ा अपडेट ये है कि अब आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मामले की जांच कर रही SIT ने पाया है कि ये घटना पूरी तरह से प्लैन्ड थी यानी सोच-विचार कर इसे अंजाम दिया गया था. SIT ने अदालत में एक अर्जी दायर की है. इस अर्जी में आशीष मिश्रा समेत सभी 14 आरोपियों पर हत्या का प्रयास करने और सुनियोजित तरीके से प्लानिंग करके वारदात को अंजाम देने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की इजाज़त मांगी गई है. पहले किन धाराओं में दर्ज था मुकदमा? लखीमपुर खीरी में हुई खौफनाक वारदात के बाद पुलिस ने आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और गंभीर चोट पहुंचाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था. लेकिन अब जांच अधिकारी ने इस धाराओं को हटाने की मांग की है. अब कौन-सी धाराएं लगाने की मांग? जांच अधिकारी ने अब आशीष मिश्रा और 13 अन्य आरोपियों के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज करने की मांग की है, वो जाहिर तौर पर केस की दिशा बदल देंगी. अजय मिश्रा और अन्य आरोपियों पर अब हत्या का प्रयास, खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाने, सुनियोजित प्लानिंग और एक उद्देश्य से कई लोगों के द्वारा की गई घटना की धाराएं लगाने की अनुमति मांगी गई है. इसके अलावा अवैध हथियार रखने और बरामदगी की धारा के साथ-साथ लाइसेंसी हथियार के दुरुपयोग की धारा लगाने की भी इजाज़त SIT ने मांगी है. इस मामले में आज 14 दिसंबर को लखीमपुर सीजीएम कोर्ट में सुनवाई होगी. लखीमपुर में क्या हुआ था? तारीख़ 3 अक्टूबर 2021. लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की यात्रा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहा था. मार्च जा रहा था. तेज़ी से तीन गाड़ियां आयीं. किसानों के जत्थे को गाड़ियों ने निर्ममता से कुचल दिया. घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की मौक़े पर ही मौत हो गयी. किसानों की भीड़ ने तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को भी पीट-पीटकर मार डाला. फिर आरोप लगा आशीष मिश्रा पर. कहा गया कि वो क़ाफ़िले को कुचलने वाली तीन गाड़ियों में से एक में मौजूद थे. भाजपा नेताओं पर फ़ायरिंग करने के भी आरोप लगे. आशीष मिश्रा और उनके क़रीबियों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया. कुछ किसानों को भी अरेस्ट किया गया. आपको ये भी बता दें कि तिकुनिया हिंसा मामले में दो FIR दर्ज की गयी हैं. एक FIR है किसानों को गाड़ी से कुचलने से जुड़ी हुई और दूसरी FIR है भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर देने की.