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लखीमपुर खीरी में युवक की मौत, घरवालों ने कहा- पुलिस की पिटाई से गई जान

मोबाईल चोरी के आरोप में पुलिस ने नाबालिग को कितनी बेरहमी से पीटा, घरवालों ने बताया!

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रोते बिलखते किशोर के परिजन (बाएं), लखीमपुर खीरी के एसपी संजीव सुमन (दाएं) (साभार: ट्विटर)
उत्तर प्रदेश पुलिस की बर्बरता का एक और मामला सामने आया है. लखीमपुर खीरी में पुलिस ने अनुसूचित जाति के एक नाबिलग युवक को मोबाईल चोरी के शक में पकड़ लिया, और चौकी ले जाकर कथित तौर पर इतनी पिटाई की कि युवक की दो दिन बाद मौत हो गई. मामला सामने आने पर एक इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया है. मामला क्या है? एनडीटीवी के मुताबिक घटना लखीमपुर खीरी के संपूर्णा नगर इलाके की है. सोमवार 17 जनवरी को मृतक राहुल के खजूरिया निवासी चाचा ने उसपर मोबाइल चोरी का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी थी. इसके बाद बुधवार 19 जनवरी को पुलिस राहुल को पकड़कर खजूरिया चौकी ले आई. आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसकी जमकर पिटाई की. युवक की पीठ पर पिटाई के निशान भी बने हुए थे. पूछताछ में जब पुलिस को कुछ पता नहीं चला तो उसी दिन देर शाम उसे छोड़ दिया. राहुल पुलिस चौकी से घर पहुंचा तो कुछ देर बाद उसकी हालत बिगड़ गई जिसके बाद परिजनों ने उसे एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान ही उसकी शनिवार 22 जनवरी को मौत हो गई.

बाएं- मृतक राहुल, दाएं- किशोर के शरीर पर पिटाई के निशान (साभार ट्विटर)
बाएं- मृतक राहुल, दाएं- किशोर के शरीर पर पिटाई के निशान (साभार: ट्विटर)
राहुल की बहन का कहना है,
"पुलिस वालों ने मेरी मां को घर वापस भेज दिया और मेरे भाई की बेल्ट से बेरहमी से पिटाई की. उसने मुझे बताया था कि उसने पुलिस वालों के पैरों पर गिरकर माफी भी मांगी और उसे छोड़ने के लिए कहा लेकिन वे नहीं माने."
पुलिस ने क्या कहा? इस मामले में पुलिस का कुछ और ही कहना है. लखीमपुर के एसपी संजीव सुमन ने बताया कि पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी में किशोर को चौकी ले जाकर पूछताछ की थी और इसके बाद उसे घर जाने दिया था. पहले परिजनों ने राहुल के चाचा पर पिटाई का आरोप लगाया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना बयान बदल दिया. एसपी संजीव सुमन ने बताया,
"पुलिस ने किशोर के चाचा की शिकायत पर उससे उसके परिजनों और गाँव के सरपंच की मौजूदगी में पूछताछ की थी. पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाया, और हमारे रिकार्ड के मुताबिक सभी लोग दोपहर करीब 3 बजे पुलिस स्टेशन से वापस चले गए थे. रविवार, 23 जनवरी को राहुल की मां 5-6 लोगों के साथ पुलिस स्टेशन आई और ये शिकायत की कि गुरुवार 20 जनवरी को राहुल के चाचा ने उसकी पिटाई की."
एसपी सुमन ने आगे बताया,
"युवक को 20 जनवरी की रात को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 23 जनवरी की सुबह उसकी मौत हो गई. इसके बाद ही उसके परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया. हम मामले की जांच कर रहे हैं और अगर पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
सपा और कांग्रेस हमलावर चुनाव के वक्त एक नाबालिग की कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से हुई मौत ने सियासी रंग ले लिया है. सूबे में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से मृतक की बहन की एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए लिखा है,
"भाजपा सरकार में कस्टोडियल डेथ में नंबर वन यूपी में एक और पुलिस किलिंग! 'मेरे भाई को इतना मारा की उसकी जान चली गई' लखीमपुर खीरी में पुलिस की पिटाई से 17 वर्षीय युवक की मृत्यु अत्यंत दु:खद! रोते-बिलखते परिजनों की फ़रियाद सुन उन्हें न्याय दें सीएम योगी. जनता वोट से देगी जवाब."
वहीं, यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में लिखा है
,
"लखीमपुर में पुलिस ने थारू समुदाय के 17 वर्षीय युवक राहुल की हिरासत में पीटकर हत्या कर दी. हिरासत में हत्याओं के लिए कुख्यात यूपी पुलिस बार-बार ऐसी क्रूरता को अंजाम देती है क्योंकि सीएम अजय सिंह बिष्ट का पुलिस पर कोई नियंत्रण नहीं है. असली जंगलराज, जहां रक्षक ही भक्षक है."