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UP सरकार के ऐड में कोलकाता के पुल की फोटो, अखबार ने दी ऐसी सफाई कि वो भी ट्रोल होने लगा!

BJP के प्रवक्ता की ओर से क्या कहा गया है?

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बाएं- इंडियन एक्सप्रेस में छपा यूपी सरकार का विज्ञापन और इसमें इस्तेमाल कोलकाता का फ्लाईओवर (लाल घेरे में). दाएं - कोलकाता के पुल की फोटो. (फोटो- bestbengal.info)
12 सितंबर यानी रविवार को इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के फ्रंट पेज पर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का फुल पेज विज्ञापन छपा. हेडिंग थी – Transforming Uttar Pradesh under Yogi Adityanath. यानी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बदल रहा है. ज़ाहिर है कि विज्ञापन में बताया गया कि भाजपा सरकार आने के बाद UP काफी बेहतर हो गया है. लेकिन एक त्रुटि हो गई. विज्ञापन में एक फ्लाईओवर की फोटो इस्तेमाल की गई और ये फ्लाईओवर निकला कोलकाता का. तुरंत ये ग़लती पकड़ में आ गई और सोशल मीडिया से लेकर पॉलिटिकल गलियारों में UP सरकार को बुरी तरह ट्रोल किया जाने लगा. बंगाल की सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस पर लंबा-चौड़ा बयान जारी किया. लिखा –
“12 सितंबर के संडे एक्सप्रेस में एक फोटो छपी, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अजय बिष्ट खड़े हैं. उनकी तस्वीर के साथ पश्चिम बंगाल के एक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी फोटो लगी है. अगर आप कोलकाता के इंफ्रास्ट्रक्चर से परिचित हैं तो आप इसमें आईटीसी सोनार बांग्ला और जेडब्ल्यू मैरियट देख पाएंगे. साथ में पीली टैक्सी भी है. यूपी की भाजपा सरकार इतना नीचे गिर गई है कि बंगाल की उपबलब्धियों को अपना बताने लगी है.”
TMC नेता मुकुल रॉय ने ट्वीट किया –
“नरेंद्र मोदी जी अपनी पार्टी को बचाने के लिए इतने लाचार हो गए हैं कि मुख्यमंत्रियों को बदलने के अलावा अब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर की फोटो इस्तेमाल करने लगे हैं.”
अभिषेक बनर्जी ने इस पर ट्वीट किया -
योगी आदित्यनाथ के लिए यूपी को बदलने का मतलब है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले बंगाल से इंफ्रास्ट्रक्चर की फोटो चुराकर लगा लो. लगता है कि भाजपा के 'सबसे ताकतवर राज्य' यूपी में डबल इंजन मॉडल बुरी तरह फेल हो गया है.
आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया-
ऐसा विकास न सुना होगा न देखा होगा. कलकत्ता का फ़्लाईओवर खींचकर लखनऊ ले आये हमारे CM आदित्यनाथ जी भले ही विज्ञापन में ले आये लेकिन लाये तो.
सपा ने ट्वीट किया -
मुख्यमंत्री के झूठ की फिर खुल गई पोल! विज्ञापनों में जनता का पैसा पानी की तरह बहाने वालों के पास दिखाने के लिए अपना किया कोई काम नहीं, तो कोलकाता में हुए निर्माण की तस्वीर छाप कर जनता को कर रहे गुमराह, शर्मनाक! यह है झूठ बोलने में नंबर 1 भाजपा सरकार। जिसके "दिन है बचे चार"!
अख़बार की सफाई इस पर इंडियन एक्सप्रेस का पक्ष भी आ गया है. अख़बार ने ट्वीट किया -
"उत्तर प्रदेश पर बने एक एडवर्टोरियल में इस्तेमाल ग़लत फोटो अख़बार के मार्केटिंग विभाग की लगाई हुई थी. ग़लती के लिए खेद है. सभी डिजिटल एडिशन से फोटो हटा दी गई है."
अख़बार की इस सफाई के बाद यूज़र उसे भी ट्रोल कर रहे हैं, सवाल उठा रहे हैं. शुभ्रा नाम की यूज़र ने लिखा - "क्या आपका मार्केटिंग विभाग छापने से पहले कोई फैक्ट चेक नहीं करता." यूजर डॉ दिनेश गोयल ने लिखा - "विज्ञापन तो कस्टमर की तरफ से दिया जाता है, पेपर की तरफ से नहीं. लेकिन आप अच्छा कवर अप कर रहे हैं." एक अन्य यूज़र ने लिखा कि फोटो तो क्लाइंट यानी यूपी सरकार की तरफ से आई होगी, लेकिन माफी अख़बार की तरफ से आ रही है. #chorikavikas ट्विटर पर #chorikavikas का ट्रेंड हो रहा है. लोग सरकार को जमकर ट्रोल कर रहे हैं. कुछ ट्वीट्स देखिए. इस मसले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा -
"जिस अख़बार के विज्ञापन के आधार पर विपक्ष को एक मुद्दा मिला था, उस अख़बार ने स्वयं स्पष्ट कर दिया कि ये मार्केटिंग विभाग की ग़लती की वजह से ग़लत विज्ञापन चला गया. भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जिस तरह से विकास किया है, हमें किसी दूसरे राज्य के विकास के चित्र दिखाने की ज़रूरत नहीं है. "
राकेश त्रिपाठी ने कहा कि यूपी को किसी दूसरे राज्य के चित्र दिखाने की ज़रूरत नहीं है और विपक्ष इसके आधार पर सरकार को बदनाम न करे. वहीं यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा -
"ममता जी भी जानती हैं कि उत्तर प्रदेश एक जमाने में बीमारू प्रदेश हुआ करता था. तब वह अखिलेश यादव से मिलने आती थीं. लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद से जो विकास कार्य हुए हैं, वह उनके लिए हैरत की और परेशानी वाली बात है. यूपी में रोहिंग्या, आतंकवादी समर्थक सरकार नहीं है. यहां घुसपैठियों वाली सरकार नहीं है. यहां विकास पर सरकार बनी है. उनके यहां जब सरकार बनती है तो रोहिंग्यों को भी साथ लिया जाता है. घुसपैठियों की मदद ली जाती है, आतंकवादियों की मदद ली जाती है. यहां पर जो उनके सहयोगी हैं वह भी यही करते हैं."
आगे उन्होंने कहा कि- हो सकता है हमारा कोई मॉडल ममता जी को पसंद आया हो और हमारे मॉडल को उनके लोगों ने अपना लिया हो.  हर राज्य चाहता है कि उत्तर प्रदेश की तरह वह भी विकास में अग्रिम पंक्ति में खड़ा हो.