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राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र बोले-जरूरत पड़ी तो फिर बना देंगे कानून

19 नवंबर को पीएम ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था.

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कृषि कानूनों पर राजस्थान के राज्यपाल का बड़ा बयान (साभार आजतक)
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर बड़ी बात कही है. भदोही में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आगे कभी कृषि कानूनों की जरूरत पड़ी तो दोबारा कानून बनाए जाएंगे. लगातार आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को भी इस बात का अंदेशा हैं, इसलिए उनका कहना है कि जब तक संसद से कानून वापसी पर मुहर नहीं लगती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. जरूरत पड़ी तो फिर बनाएंगे कानूनः मिश्र राजस्थान के राज्यपाल ने भदोही में मीडिया से बात की. इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने केंद्र सरकार के कानून वापस लेने के फैसले की तारीफ की. साथ ही उन्होंने ये भी कहा,
कृषि कानून किसानों के हित में था. सरकार ने किसानों को समझाने की लगातार कोशिश की. फिर भी किसान आंदोलित थे और इस बात पर अड़े थे कि तीनों कानून वापस लिया जाए. अंत में सरकार को ये लगा कि कानून वापस ले लिया जाए. "फिर आगे इस संबंध में कानून बनाने की जरूरत पड़ी तो दोबारा बनाया जाएगा. फिलहाल इसे वापस लिया जा रहा है."
साक्षी महाराज ने क्या कहा? कलराज मिश्र से पहले उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया. शनिवार को पत्रकारों ने साक्षी महाराज से पूछा कि क्या आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को हारने का डर था, इसलिए कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है?  इस पर साक्षी महाराज ने किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) में पाकिस्तान और खलिस्तान को मुद्दा बनाते हुए कहा,
"यूपी में बीजेपी 2022 में 300 पार. इस बिल का चुनाव से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है. तथा कथित किसानों के गठजोड़ में उनके मन से पाकिस्तान जिंदाबाद और खलिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे लग रहे थे. मोदी जी के लिए और भाजपा के लिए प्रथम राष्ट्र है. बिल तो बनते रहते हैं, बिगड़ते रहते हैं, वापस आ जाएंगे, कोई देर नहीं लगती है." 
इसके साथ ही साक्षी महाराज ने ये भी कहा कि ये कानून वापस लेकर मोदी जी ने बड़े दिल का परिचय दिया है.  वहीं, फर्रूखाबाद से भाजपा के  सांसद मुकेश राजपूत ने कृषि कानूनों के वापस लिए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की. प्रधानमंत्री से उन्होंने मांग की कि इन कानूनों को सरल करके दोबारा लागू किए जाए. इसी सत्र में कानून वापस लिया जाएगा शुक्रवार को पीएम मोदी ने कानून वापस लेने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर इसे वापस लिया जाना बाकी है. आजतक के सूत्रों के मुताबिक, बुधवार 24 नवंबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होने वाली है, जहां कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. इसी महीने के आखिर में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है. जहां कानून वापसी का बिल पेश किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws Repeal) को वापस लेने का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार इस कानून को किसानों को नहीं समझ पाई इसलिए इनको वापस लिया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले के बाद एक तरफ जहां किसान संगठन और विपक्षी दल सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं कुछ भाजपा नेता इन कानूनों को वापस लाने की बात कह रहे हैं.