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पंचायत चुनाव में प्रचार करने उतरे खान सर ने अचानक बकरे का जिक्र क्यों किया?

अपने यूट्यूबर दोस्त के लिए प्रचार करने पहुंचे थे

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बिहार में मुखिया के चुनाव में अपने दोस्त विपिन (दाएं) के लिए प्रचार करते खान सर (बाएं)-वीडियो का स्क्रीनशॉट
पटना वाले खान सर. GS यानी जनरल स्टडीज़ वाले खान सर. टीचर हैं. अपने देसी अंदाज और टॉपिक को आसान बनाकर पढ़ाने के चलते इनकी तगड़ी फॉलोइंग है. यूट्यूब पर वीडियोज़ बनाकर डालते हैं. इनके चैनल Khan GS Research Centre के एक करोड़ 33 लाख सब्सक्राइबर्स हैं. लेकिन, हाल ही में खान सर एक नई भूमिका में दिखाई दिए. वे बिहार के पंचायत चुनाव में प्रचार करते नजर आए. ट्यूबर दोस्त के लिए वोट मांगा विपिन कुमार, हाजीपुर की सलहा पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ रहे हैं. विपिन एक यू ट्यूबर हैं. Maths Masti नाम से यूट्यूब चैनल चलाते हैं. खान सर के दोस्त हैं. मुखिया के चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. अपने इसी साथी के लिए प्रचार करने खान सर हाजीपुर के सलहा पहुंचे. एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे विपिन के साथ एक गाड़ी से प्रचार कर रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान वे कहते हैं,
अधिकार कभी दुनिया में मांगने से मिला नहीं, छीनना पड़ता है. हम आते रहेंगे. किसी को भी इस क्षेत्र में पढ़ाई लिखाई में दिक्कत हो, विपिन जी से बोलिएगा ये हमारे मित्र हैं. पटना में किसी को पढ़ाई लिखाई में दिक्कत हो तो हमें बताइएगा.
उन्होंने आगे कहा,
खस्सी (बकरा) 5 हजार में बिकता है, लेकिन एक आदमी एक हजार में कैसे बिक जा रहा है. खस्सी से सस्ता बिकेगा आदमी? पैसा भी लेना है. एक हजार नहीं, 5 हजार और वोट भी नहीं देना है. शिक्षित बनिए और अपने अधिकार को समझिए. संविधान आपको अधिकार देता है अच्छे स्कूल और स्वास्थ्य सेवा का. ये कोई भीख में नहीं है.
मुखिया के प्रत्याशी विपिन कुमार ने बताया,
समाज में करप्शन को देखते हुए मैदान में उतरा हूं. मैं पढ़ाना नहीं छोड़ूंगा. जब हम पढ़ा रहे हैं तो समाज शिक्षित हो रहा है. शिक्षा बहुत जरूरी है, जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे, बेरोजगारी और गरीबी खत्म नहीं होगी. खान सर हमारे दोस्त हैं. कोई भी प्रतिनिध जो चुनाव लड़ रहा है वो अपने दोस्त, रिश्तेदार सबको बुलाता है. खान सर हमारे दोस्त हैं. तो प्रचार के लिए आ गए. बाकी दोस्त हैं वो भी आएंगे.
इसी साल मई महीने में खान सर के नाम को लेकर विवाद हो गया था. खान सर अमित सिंह हैं या खान सर. उस समय दी लल्लनटॉप से बातचीत में खान सर ने कहा था,
नाम से किसी को नहीं जानना चाहिए. मेरा क्या नाम है, वो अलग बात है और लोग हमें क्या कहकर बुलाते हैं, वो अलग. नेल्सन मंडेला को अफ्रीका का गांधी कहा जाता है. लेकिन इस आधार पर आप यह नहीं कह सकते कि वो गांधी हैं. मुझे क्या कहा जाता है, इसके ऊपर मैं बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देता. कुछ लोग मुझे कई नामों से बुलाते हैं. जिसमें से एक अमित भी है. खान सर बस एक टाइटल है. मेरा मूल नाम नहीं है. मैंने अपना पूरा नाम कभी नहीं बताया. टाइम आएगा तो सबको पता चल ही जाएगा.
खान सर एक और विवाद में भी फंसे थे. उन पर पंचर बनाने और एक समुदाय विशेष के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के आरोप लगे थे. उस समय उन्होंने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने पाकिस्तान को लेकर ये बातें कही थीं.