किसने खींची तस्वीर?
झकझोर देने वाली इस तस्वीर को फोटो जर्नलिस्ट एड रैम (Ed Ram) ने खींचा है. बीती 13 दिसंबर को उन्होंने इसे अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया. इसके बाद से ही दुनियाभर में ये तस्वीर वायरल हो रही है. कई पर्यावरणविद अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं.अखबार के मुताबिक मौत के बाद सभी जिराफ के शवों को वहां से ले जाया गया ताकि जलाशय के पानी को दूषित होने से बचाया जा सके. बाद में एड रैम ने अपने कैमरे से इन जिराफ के शवों का एरीयल शॉल ले लिया जो अब पूरी दुनिया में शेयर किया जा रहा है. इसके अलावा रैम ने इन जानवरों की और तस्वीरें भी लीं जो केन्या में सूखे के संकट को लेकर लोगों का ध्यान खींच रही हैं.
(फोटो: Ed Ram/ Getty Images)
'ये तस्वीर डरावनी है'
इन तस्वीरों को देखने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने ट्विटर पर चिंता जाहिर की है. कई यूजर्स ने क्लाइमेट चेंज को इसका जिम्मेदार बताया है. एजे थ्रीट नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैं,"जीसस, जितना हमने सोचा था ये उससे भी बुरा है. हमें वातावरण को बिगड़ने से रोकने के लिए कुछ करना होगा"
जिया विंस लिखते हैं,
"मैंने भी तुरकाना के नजदीक ये दृश्य देखा था. गायें, बकरियां और जिराफ़ मरे पड़े थे. उस दुर्गंध को भुला नहीं सकता"
"एड, ये तस्वीर डरावनी है."
केन्या की समाचार वेबसाइट 'द स्टार' के मुताबिक वहां के बोर-अल्गी जिराफ अभयारण्य से जुड़े इब्राहिम अली ने बताया कि इस सूखे का सबसे ज्यादा खतरा जंगली जानवरों को है. क्योंकि पालतू जानवरों की देखभाल तो की जा रही है, लेकिन इलाके में जंगली जानवरों के खाने-पीने की कमी हो गई है. इसीलिए वे सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. अली का कहना है कि पशु पालने वाले किसानों की आजीविका पर भी इस सूखे का बेहद बुरा असर हुआ है.
'द स्टार' की रिपोर्ट के मुताबिक, सूखे से 4000 जिराफों के मारे जाने का खतरा है. इस बारे में इब्राहिम अली बताते हैं,
"नदी के किनारे खेती की जा रही है जिसने जिराफों को पानी तक पहुंचने से रोक दिया है. इससे स्थिति और खराब हो गई है."