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62 साल पुरानी गणित की किस समस्या को इस भारतीय गणितज्ञ ने हल कर अमेरिका का शीर्ष पुरस्कार जीता?

निखिल श्रीवास्तव ने एक बार फिर अमेरिका में अपनी काबिलियत का डंका बजाया है

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Nikhil Srivastava पहले भी गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवार्ड जीत चुके हैं. (फोटो: फेसबुक)
निखिल श्रीवास्तव. भारतीय मूल के अमेरिकी गणितज्ञ. बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया में गणित पढ़ाते हैं. अपने क्षेत्र के चुनिंदा बेहतरीन लोगों में शामिल हैं. कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीत चुके हैं. हाल फिलहाल में उन्हें एक और प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए संयुक्त रूप से चुना गया है. अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी ने निखिल श्रीवास्तव, एडम मार्कस और डेनियन स्पाइलमैन को पहले सिप्रियन फोयस प्राइज के लिए चुना है. इन तीनों को ये अवॉर्ड 6 दशक पुरानी एक गणितीय पहेली का हल निकालने के लिए दिया जा रहा है. अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी ने कहा है कि इन तीन गणितज्ञों ने अपनी मौलिक समझ के चलते उस समस्या का हल निकाला है. 62 साल से नहीं निकला था हल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निखिल श्रीवास्तव और उनके साथियों को मेट्रिसेस को समझने और सरल करने के लिए इस पुरस्कार के लिए नामित किया गया है. तीनों गणितज्ञों को अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट करते हुए अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी ने कहा कि इन तीनों ने मिलकर उस समस्या समस्या को हल कर दिया है, जो पिछले 62 साल से बनी हुई थी. सोसाइटी की तरफ से ये भी कहा गया कि तीनों गणितज्ञों ने लीनियर एलजेब्रा, पॉलीनॉमियल्स और ग्राफ थ्योरी के बीच नए और गहरे संबंध खोज निकाले हैं. साथ ही साथ इन्होंने रामानुजन ग्राफ्स के नए एक्सटेंशन प्रस्तुत किए हैं, जो इंटर-कनेक्टेड डेटा नेटवर्क को विस्तृत तरीके से परिभाषित करते हैं. तीनों गणितज्ञों को सिप्रियन प्राइज जनवरी, 2022 में दिया जाएगा. ये अवार्ड सिएटल में होने वाली दुनिया की सबसे बड़ी मैथमेटिक्ल मीटिंग के दौरान दिया जाएगा. आपको बता दें, सिप्रियन फोयस ऑपरेटर थ्योरी और फ्लुइड मेकानिक्स के क्षेत्र में एक बहुत बड़े और प्रभावशाली विद्वान थे. साल 2020 में उनके नाम पर ही इस अवॉर्ड को शुरू करने का फैसला लिया गया था. इस पुरस्कार के तहत विजेता को पांच हजार अमेरिकी डॉलर मिलेंगे.अवार्ड की घोषणा के बाद Nikhil Srivastava और उनके साथियों ने कहा कि वे इसे केडिसन सिंगर समस्या को हल करने में योगदान देने वालों की तरफ से स्वीकार करेंगे. (फोटो: ट्विटर) सिर्फ गणित तक सीमित नहीं थी समस्या निखिल श्रीवास्तव, एडम मार्कस और डेनियल स्पाइलमैन ने जिस गणितीय समस्या का हल निकाला है, उसे केडिसन-सिंगर प्रॉब्लम के तौर पर जाना जाता है. और ये समस्या केवल गणित तक ही सीमित नहीं थी. इंजीयनरिंग और क्वांटम फिजिक्स के क्षेत्र में काम करने वालों को भी इस समस्या से गणितज्ञों की तरह ही दो चार होना पड़ता था. अवॉर्ड के लिए अपने नामों की घोषणा के बाद निखिल श्रीवास्तव, एडम मार्कस और डेनियल स्पाइलमैन ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. इसमें कहा गया कि वे इस पुरस्कार को उन लोगों की तरफ से स्वीकार करना चाहते हैं, जिन्होंने केडिसन-सिंगर समस्या का हल निकालने के में लिए मेहनत की. निखिल श्रीवास्तव को पहले भी मिला है अवॉर्ड मैथ की फील्ड में निखिल श्रीवास्तव अमेरिका में काफी चर्चित नाम हैं, इससे पहले भी कई तरह की गणितीय समस्याओं को सरल बनाने के लिए वे अवॉर्ड जीत चुके हैं. साल 2014 में उन्होंने जॉर्ज पोयला और इसी साल माइकल एंड शीला हेल्ड प्राइज जीता है.