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फिलिस्तीन में भारतीय राजदूत मुकुल आर्य का निधन, दूतावास में पाए गए मृत

मुकुल आर्य की मौत की वजह का अभी पता नहीं चल सका

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मुकुल आर्य (फोटो: आजतक)
भारत के लिए फिलिस्तीन (Palestine) से एक दुखद खबर सामने आई है. रविवार, 6 मार्च को फिलिस्तीन में भारतीय राजदूत मुकुल आर्य (Mukul Arya) का निधन हो गया. उनका निधन किन कारणों से हुआ, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने इस खबर की पुष्टि करते हुए भारतीय राजदूत के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा,
"फिलिस्तीन के रमल्ला में भारत के प्रतिनिधि श्री मुकुल आर्य के निधन के बारे में जानकर गहरा सदमा लगा. वे एक उज्ज्वल और प्रतिभाशाली अधिकारी थे, उन्हें अभी बहुत कुछ पाना था. मैं दिल से उनके परिवार और प्रियजनों के लिए संवेदना व्यक्त करता हूं. ओम शांति."
आजतक के मुताबिक फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने भी एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि भारतीय राजदूत मुकुल आर्य रमल्ला (Ramallah) में स्थित भारतीय दूतावास में मृत पाए गए. मंत्रालय ने बताया कि इस दुखद खबर के सामने आते ही राष्ट्रपति महमूद अब्बास और प्रधानमंत्री मुहम्मद शतयेह की ओर से स्वास्थ्य और फोरेंसिक मेडिसिन मंत्रालय के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों को भी तत्काल निर्देश जारी किए गए कि वे तुरंत घटना स्थान पर पहुंचे और मामले पर नजर रखें. फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वे इस मामले को लेकर लगातार भारतीय विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं, ताकि मृतक राजदूत के पार्थिव शरीर को उनके देश पहुंचाने की व्यवस्था पूरी की जा सके. यूनेस्को में कर चुके हैं भारत का प्रतिनिधित्व 2008 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अफसर मुकुल आर्य ने काबुल और मॉस्को में बतौर भारतीय राजदूत काम किया था. उन्होंने यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल में भी काम किया. मुकुल आर्य नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में भी रह चुके थे. भारतीय विदेश सेवा जॉइन करने से पहले मुकुल आर्य ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी. इसके अलावा मुकुल आर्य लगातार भारत और फिलीस्तीन के संबंधों को मजबूत करने में लगे हुए थे. उन्होंने फिलीस्तीन के स्कूली बच्चों को भारत सरकार की ओर से मास्क और सैनेटाइजर भी प्रदान किए थे. इसके साथ ही उन्होंने इसी साल जनवरी में फिलीस्तीन के शिक्षा निदेशालय के साथ मिलकर स्वच्छता पखवाड़ा भी मनाया था. साथ ही वहां के स्कूलों का दौरा कर दोनों देशों में सांस्कृतिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की थी. फिलीस्तीन के कई नेता मुकुल आर्य के काम की तारीफ कर चुके हैं.