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देशभर में चीनी मोबाइल कंपनियों के दफ्तरों पर IT विभाग के छापे क्यों पड़ गए?

OPPO और Xiaomi के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग की बड़ी कार्रवाई.

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देशभर में स्थित चाइनीज कंपनियों के दफ्तरों और गोदामों पर आयकर विभाग छापे मार रहा है (तस्वीर: इंडिया टुडे)
देशभर में मौजूद चीनी मोबाइल कंपनियों के दफ्तरों में बुधवार, 22 दिसंबर की सुबह से इनकम टैक्स विभाग छापेमारी (IT Raid) कर रहा है. सूत्रों से इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग के अधिकारियों को पता चला है कि चीनी मोबाइल फर्मों ने कई बार कथित टैक्स उल्लंघन किए हैं. इसी की जांच के तहत देश के अलग-अलग शहरों में इन कंपनियों के दफ्तरों में छापे मारे जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि चीनी मोबाइल फोन कंपनियों के कई डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्स, कॉर्पोरेट दफ्तर, गोदामों और मैन्युफैक्चरर्स के ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चर्चित चीनी मोबाइल कंपनी OPPO ग्रुप और Xiaomi के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. आईटी विभाग ने ओप्पो ग्रुप से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारियों, निदेशकों, CFO सहित कई पदाधिकारियों के यहां छापेमारी की है. खबर के मुताबिक इन कंपनियों के दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु सहित 15 शहरों में स्थित दफ्तरों में तलाशी हो रही है. इन पर शेल कंपनियों के जरिए टैक्स चोरी करने का आरोप है. शेल कंपनियां कागजों पर चलती हैं. इनके जरिए मनी लॉन्ड्रिंग आसान हो जाती है.  इसी साल अगस्त महीने में चीनी टेलीकॉम उपकरण निर्माता ZTE के गुरुग्राम स्थित दफ्तर में आईटी विभाग ने छापा मारा था. ZTE के भारतीय प्रमुख से भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने पूछताछ की थी. तब सूत्रों ने बताया था कि आईटी विभाग ने कंपनी द्वारा किए गए कई टैक्स उल्लंघनों के मामले पकड़े हैं. इसके अलावा मोबाइल फोन बिजनेस, लोन एप्लिकेशन और ट्रांसपोर्ट बिजनेस से जुड़ी कई चीनी फर्मों पर भी हाल में ही छापा मारा गया था. भारतीय बाजार पर चीनी कंपनियों का कब्जा केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि देश में फिलहाल 92 चीनी कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 80 कंपनियां वे हैं जो सक्रिय रूप से कारोबार करती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में स्मार्टफोन बाजार करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये का है. इसमें 70 फीसदी हिस्सेदारी सिर्फ चीनी कंपनियों की है. वहीं, भारत में टीवी का मार्केट करीब 30 हजार करोड़ रुपये का है. इसमें भी चीन की कंपनियों की काफी बड़ी हिस्सेदारी है. आंकड़ों के मुताबिक स्मार्ट टीवी के बिजनेस में करीब 45 फीसदी हिस्सेदारी चीनी कंपनियों की है. अमेरिका ने भी अपनाया कड़ा रुख चीनी कंपनियों के खिलाफ अमेरिका भी एक्शन ले चुका है. बीते नवंबर महीने में चीन की करीब 13 कंपनियों पर अमेरिकी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया. सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि ये कंपनियां चीनी सेना को उनके मिलिट्री एप्लिकेशन में मदद करने के लिए अमेरिकी मूल के सामान को हासिल करने की कोशिश करती हैं. एक दिन पहले मंगलवार, 21 दिसंबर को खबर आई थी कि नेपाल ने भी चीन की कई कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है.