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हिमाचल चुनाव: वीरभद्र सिंह के बेटे चुनाव लड़ रहे थे, वोटरों ने खुश कर दिया

शिमला ग्रामीण हिमाचल प्रदेश की हॉट सीटों में से एक थी.

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विक्रमादित्य सिंह (फोटो-आजतक)

हिमाचल प्रदेश की शिमला ग्रामीण सीट कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने अपने नाम कर ली है. वो हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे हैं (Shimla Rural Seat Vikramaditya Singh Himachal Pradesh). उन्होंने बीजेपी कैंडीडेट रवि कुमार मेहता को 13 हजार 860 वोटों के अंतर से हराया. विक्रमादित्य सिंह को 35 हजार 269 वोट मिले. रवि कुमार मेहता को 21 हजार 409 वोट हासिल हुए. 

बीजेपी ने पुराने चेहरों को साइड करते हुए इस सीट पर छात्र नेता रव‍ि मेहता को खड़ा किया था. आम आदमी पार्टी ने प्रेम ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा था. उन्हें केवल 244 वोट मिले. शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में वोटर्स की कुल संख्या 76,267 है. इस बार के चुनाव में यहां 66.35 फीसदी मतदान हुआ था जो कि साल 2017 में हुए मतदान से करीब आठ फीसदी कम है.

फाइनल रिजल्ट

शिमला ग्रामीण हिमाचल प्रदेश की हॉट सीटों में से एक है. 2012 में यहां कांग्रेस की जीत हुई थी. तब वीरभद्र सिंह ने 20,000 से भी ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. फिर 2017 में उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस की तरफ से लड़े और जीते भी. उन्हें कुल मिलाकर 28275 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी की तरफ से खड़े हुए डॉ. प्रमोद शर्मा को 23,395 मतदाताओं ने वोट किया था.

विक्रमादित्य सिंह का राजनीतिक सफर

विक्रमादित्य का राजनीतिक सफर 2013 में शुरू हुआ. उसी साल वो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस कमेटी से जुड़े और उन्हें युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया. 2017 तक वो इस पद पर बने रहे. उनके पिता वीरभद्र सिंह 6 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे. 2021 में उनकी मौत के बाद विक्रमादित्य को राजा बनाया गया. बता दें विक्रमादित्य सिंह की मां रानी प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. इस साल मंडी लोकसभा उपचुनाव में वीरभद्र की पत्नी और रानी प्रतिभा सिंह ने बीजेपी को हराया था. बीजेपी लगातार उन पर परिवारवाद का आरोप भी लगाती रही है. इस बार भी चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने हिमाचल कांग्रेस को 'मां-बेटे की पार्टी' बताया था. 

रवि मेहता पहली बार थे मैदान में

बीजेपी के रवि मेहता शिमला ग्रामीण के शोघी के रहने वाले हैं. वो यहां से पहली बार चुनाव लड़ रहे थे. रवि मेहता शिमला के जिला अध्यक्ष और ABVP सदस्य भी रह चुके हैं. 1993 से इस सीट से कांग्रेस लगातार जीतती आई है. पहले ये सीट कुमारसेन के नाम से जानी जाती थी. 2003 और 2007 में यहां कांग्रेस की दिग्गज नेता विद्या स्टोक्स जीती थीं. 2008 में परिसीमन के बाद शिमला ग्रामीण सीट बन गई.

देखें वीडियो- नेता जी घेरे में हैं: वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह का बड़ा बयान