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प्रशांत किशोर ने कोरोना संकट के बीच चुनाव कराने का 'सबसे सुरक्षित तरीका' बताया है

कहां- चुनाव आयोग को ये सुनिश्चित करना चाहिए.

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प्रशांत किशोर की फाइल फोटो.
चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी राय जाहिर की है. उनका कहना है कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां कम से कम 80 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग जानी चाहिए. बढ़ते कोरोना के खतरे के बीच चुनाव कराए जाने पर पीके ने कहा कि यह जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि कोविड प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं कर रहा है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया,
चुनाव आयोग को वोटिंग वाले राज्यों में कम से कम 80 पर्सेंट लोगों के लिए वैक्सीन की दोनों डोज दिलाने पर जोर देना चाहिए. भयंकर महामारी के बीच चुनाव कराने का यही एकमात्र सुरक्षित तरीका है. बाकी सब बेकार की बातें हैं. कोविड उपयुक्त व्यवहार के लिए दिशा-निर्देश का कोई पालन नहीं करता है.
बता दें कि इस साल पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव होने हैं. ज्यादा समय नहीं रह गया है, चुनाव आयोग कभी भी आचार सहिंता लागू कर सकता है. क्या है चुनावी राज्यों में वैक्सीनेशन की स्थिति? पहले ये चार्ट देखिए. फिर आगे की बात करते हैं. States mygov.in के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 13 करोड़ पांच लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज जबकि करीब 7 करोड़ 69 लाख लोगों को दूसरी डोज लगी है. अलग-अलग गैर आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यूपी की जनसंख्या 22 से 24 करोड़ है. इस लिहाज से देखें तो अब तक यहां की 33 फीसदी आबादी ही पूरी तरह वैक्सीनेट हो पाई है. वहीं 3 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले पंजाब में 1.73 करोड़ से ज्यादा लोगों को पहली लग चुकी है. लेकिन डबल वैक्सीनेशन वाले लोगों का आंकड़ा एक करोड़ से भी कम है. यहां अब तक 96 लाख 70 हजार 41 लोगों को दोनों डोज लगी हैं, जो कुल आबादी का 50 फीसद भी नहीं है. उत्तराखंड जरूर इस मामले में बेहतर स्थिति में दिखता है. यहां एक करोड़ दस लाख से ज्यादा की आबादी है, जिनमें से लगभग 79 लाख को पहली और 65 लाख से ज्यादा लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं. अगले कुछ हफ्तों में अगर राज्य में वैक्सीनेशन ड्राइव को और तेज किया जाए तो यहां की 80 फीसदी आबादी का टीकाकरण होना संभव है. लेकिन गोवा और मणिपुर के आंकड़े इससे अलग हैं. डेढ़ करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या वाले गोवा में 13 लाख 16 हजार से ज्यादा लोगों को पहला और 11 लाख 17 हजार से अधिक लोगों को दूसरा टीका लगा है. वहीं 31 लाख की जनसंख्या वाले मणिपुर में 13 लाख 32 हजार से कुछ ही ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है. डबल डोज का आंकड़ा तो 10 लाख ही है. साफ है ये दोनों राज्य भी 80 पर्सेंट लोगों के कंप्लीट वैक्सीनेशन से काफी दूर हैं. सभी राज्यों की डिटेल आप यहां देख सकते हैं.

इस बीच देशभर में वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर केंद्र सरकार नए-नए दावे कर रही है. कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (CNCI) के दूसरे परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है. बताया कि सिर्फ 5 दिन में डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है.

वहीं चुनाव आयोग का फोकस महामारी के बीच इलेक्शन मैनेजमेंट पर है. हाल में चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी दलों ने समय पर चुनाव कराने की मांग की है. उन्होंने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों में 80 साल से अधिक आयु के बजुर्ग, दिव्यांग और कोरोना से प्रभावित लोग जो मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकते, अपने घर पर ही मतदान कर सकेंगे.

सुशील चंद्रा के मुताबिक कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए यूपी में पोलिंग बूथ की संख्या को 11 हजार तक बढ़ाया जाएगा. एक बूथ पर पहले 1500 वोट होते थे, जिन्हें घटाकर 1200 किया गया है. 18 से 19 साल के नए मतदाताओं की तादाद पिछले चुनाव से तीन गुना ज्यादा है. इसमें हजार पुरुष मतदाताओं में 839 महिलाओं का अनुपात अब 868 हो गया है. मतलब पांच लाख महिला मतदाता बढ़ी हैं. उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग का मकसद स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुरक्षित, प्रलोभन मुक्त कालाधन मुक्त चुनाव कराना है. उन्होंने जानकारी दी कि पांच जनवरी तक फाइनल मतदाता सूची जारी होगी, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन तक भी अतिरिक्त सूची बन सकेगी.