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प्रयागराज 'धर्म संसद' में यति और जितेंद्र त्यागी को रिहा ना करने पर 'बम कांड' की धमकी!

कार्यक्रम में दिए गए 'रोको, टोको और ठोक दो' जैसे विवादित बयान. हिंदुओं से हथियार उठाने को कहा.

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संत सम्मेलन के नाम से प्रयागराज में आयोजित हुई 'धर्म संसद' (फोटो: आजतक)
हरिद्वार और छत्तीसगढ़ के बाद, शनिवार 29 जनवरी को संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में भी 'धर्म संसद' आयोजित हुई और पिछली बार की तरह इस बार भी विवादित बयान दिए गए. इस कार्यक्रम के आयोजक आनंद स्वरूप ने कहा कि अगर यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को जेल से रिहा नहीं किया गया तो खतरनाक अंजाम भुगतने होंगे. यही नहीं, आनंद स्वरूप ने यहां तक कह दिया कि अगर इन दोनों को एक हफ्ते में जेल से रिहा नहीं किया गया तो भगत सिंह के असेंबली कांड जैसा भी कुछ हो सकता है. पारित किए गए तीन प्रस्ताव हरिद्वार में 'धर्म संसद' कराने वाली संस्थाओं और लोगों ने ही प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में भी 'धर्म संसद' का आयोजन किया. इस 'धर्म संसद' में मौजूद लोगों ने तीन प्रस्ताव पारित किए. आजतक से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले प्रस्ताव में 'धर्म संसद' में मौजूद लोगों ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री और देश की संसद को धर्मादेश जारी कर संवैधानिक तौर पर भी देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का फरमान सुनाया. दूसरे प्रस्ताव में धर्मांतरण के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की गई और धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की गई. तीसरे प्रस्ताव में हरिद्वार 'धर्म संसद' में भड़काऊ भाषण देने वाले स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को बिना शर्त जेल से रिहा किए जाने की मांग की.
यही नहीं इस कार्यक्रम में शामिल हुए प्रभुदानंद महाराज ने एक धर्म विशेष के खिलाफ विवादित बयान दिए. कहा गया कि हिंदुओं का सम्मान ना करने वालों को पाकिस्तान या फिर बांग्लादेश चले जाना चाहिए. हिंदू पैदा करें पांच बच्चे विवादित बयानों का सिलसिला यही नहीं रुका. प्रभुदानंद महाराज के बाद कार्यक्रम के मुख्य अथिति शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती और केशरी महाराज ने भी विवादित बयानों की बौछार की. शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने धर्म संसद में कहा कि हमें अपने देवी देवताओं से शिक्षा लेकर हाथों में हथियार उठा लेने चाहिए. यही नहीं, उन्होंने यहां तक कह दिया कि जो हिंदुओं और देश के खिलाफ काम करे उसे रोको, टोको और ना मानने पर ठोक दो. उन्होंने ये भी कहा कि हिंदुओं को अपनी आबादी बचाने के लिए पांच बच्चे पैदा करने चाहिए.
प्रयागराज धर्म संसद में शंकराचार्य नरेंद्रांद ने मच से दिए विवादित बयान (आजतक)
प्रयागराज धर्म संसद में शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने मंच से दिए विवादित बयान (आजतक)


वहीं केशरी महाराज ने विवादित बयान में कहा कि भारत सरकार को इस्लामिक फतवे जारी करने वाले संस्थानों को बंद कर देना चाहिए. प्रयागराज में हुई इस धर्म संसद में शामिल लोगों ने पीएम मोदी से देश के रक्षा बजट को बढ़ाने और कथित देशद्रोहियों को गरम तेल से नहलाने की मांग की. इन लोगों ने महात्मा गांधी को भी राष्ट्रपिता मानने से इनकार कर दिया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत का पहला प्रधानमंत्री बताया.
दूसरी तरफ, प्रयागराज में हुई इस 'धर्म संसद' से माघ मेले में आए ज्यादातर बड़े संतों ने दूरी बनाए रखी. वहीं प्रयागराज में प्रशासन के दबाव के बाद आयोजकों को 'धर्म संसद' का नाम बदलकर संत सम्मेलन करना पड़ा क्योंकि प्रशासन 'धर्म संसद' होने की इजाजत नहीं दे रहा था. इसके बाद 'धर्म संसद' का नाम बदलकर संत सम्मेलन किया गया. वहीं कार्यक्रम के आयोजक आनंद स्वरूप का दावा है कि सिर्फ बैनर पर संत सम्मेलन लिखा गया है, असल में यह 'धर्म संसद' ही है.