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यूपी: दलित परिवार की हत्या के मामले में दलित युवक को क्यों गिरफ्तार किया गया?

पुलिस ने परिवार की युवती से रेप की बात मानी, लेकिन POCSO ऐक्ट हटाया.

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प्रयागराज में पिछले हफ्ते एक दलित परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई थी, पुलिस मामले की जांच कर रही है. (तस्वीर: आजतक)
उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रयागराज स्थित फाफामऊ में एक दलित परिवार की हत्या के मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी की है. उसने रविवार 28 नवंबर को कार्रवाई करते हुए कथित ऊंची जाति के 11 लोगों के खिलाफ पहले FIR दर्ज की थी. इनमें से 8 को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके अलावा एक दलित युवक की भी गिरफ्तारी की गई है. हालांकि मृतकों के परिजनों का कहना है कि वे पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नही हैं.

दलित युवक की गिरफ्तारी क्यों?

आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार युवक का नाम पवन सरोज है. 23 वर्षीय पवन पड़ोस के गांव कोरसंड का रहने वाला है और मजदूरी करता है. पुलिस का कहना है कि आरोपी पवन पीड़ित परिवार की नाबालिग युवती को मोबाइल पर मैसेज भेजकर परेशान करता था. घटना वाले दिन भी शाम को आरोपी ने ही युवती को आखिरी बार मोबाइल पर मैसेज भेजा था. आजतक से जुड़े पंकज श्रीवास्तव के मुताबिक प्रयागराज के ADG प्रेम प्रकाश ने रविवार को बयान जारी कर कहा,
"23 वर्षीय आरोपी मृतका को फोन पर लगातार मैसेज भेजकर परेशान कर रहा था. हालांकि किशोरी बार-बार उसे मना कर रही थी. सबसे अहम बात ये है कि 21 नवंबर यानी घटना वाली रात से पहले शाम को भी पवन सरोज ने किशोरी को मोबाइल पर मैसेज भेजकर 'आई लव यू' कहा था. इसके कुछ देर बाद ही किशोरी ने 'आई हेट यू' लिखकर इस मैसेज का जवाब दिया था. सुबूतों और परिस्थियों के आधार पर हमने पवन को गिरफ्तार किया है."
ADG प्रेम प्रकाश के मुताबिक पुलिस ने पवन के मोबाइल और घर की तलाशी ली है. वहां से उसकी एक शर्ट बरामद की गई है. अधिकारी का कहना है कि पुलिस को शर्ट पर खून जैसे धब्बे मिले हैं. प्रेम प्रकाश के मुताबिक जब पुलिस ने इसके बारे में आरोपी से पूछा तो उसने इनको पान की पीक के दाग बताया. पुलिस ने शर्ट और बाकी सैम्पल्स को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. अपने बयान में ADG प्रकाश ने आगे बताया,
"23 वर्षीय आरोपी बार-बार अपना बयान बदल रहा है. हालांकि पूछताछ में उसने कुछ नाम उजागर किए हैं. फिलहाल पुलिस कॉल डिटेल्स और डीएनए सैम्पल के आधार पर जांच आगे बढ़ा रही है."
इसके अलावा पुलिस को आरोपी पवन के शरीर पर कुछ चोटों के निशान मिले हैं. पुलिस का अनुमान है कि किशोरी ने खुद को बचाने के लिए संघर्ष किया होगा, संभव है उसी दौरान आरोपी को ये चोटें आईं. वहीं कथित ऊंची जाति के आरोपियों के मामले में पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
"50 वर्षीय मृतक के भाई के साथ इन लोगों का कुछ विवाद चल रहा था, जिसके चलते मृतक ने पहले भी दो बार पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. परिवार की शिकायत पर हमने 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इनमें से 8 को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं दो आरोपी मुंबई भाग गए हैं, जिनकी तलाश जारी है. एक आरोपी अस्पताल में भर्ती है और बोलने की हालत में नहीं है. लेकिन जैसे ही उसकी हालत में सुधार होगा, पुलिस उससे भी पूछताछ करेगी. हालांकि अभी तक हमें ऐसा कई सुबूत नहीं मिला है जिससे ये साबित हो कि इन 11 लोगों का हाथ दलित परिवार की हत्या में है."
पुलिस की कार्रवाई से परिवार असन्तुष्ट इस हत्याकांड के बाद अखबार ने मृतकों के परिजनों से बात की. पीड़ित परिवार के मुखिया के छोटे भाई का कहना है,
"मुझे एक पुलिस वाले का फोन आया. उन्होंने मुझे एक आरोपी का नाम बताया. कहा कि उस आरोपी ने मेरे भाई और उसके परिवार की हत्या की है. मैं उस आरोपी को नहीं जानता. मुझे बताया गया कि आरोपी हमारे घर से 5 किमी की दूरी पर रहता है. मैं ये उम्मीद करता हूं कि जल्दी ही बाकी आरोपी भी पकड़े जाएंगे."
इस रिश्तेदार ने यूपी पुलिस पर सवाल उठाते हुए ये भी कहा,
"हम सबने देखा है कि हाथरस में भी एक 19 वर्षीय दलित किशोरी का गैंगरेप हुआ था. पुलिस ने तब भी कई बार अपने बयान बदले थे. इस बार भी पुलिस यही कर रही है. मेरी भतीजी का गैंगरैप हुआ."
हटाया जाएगा POCSO ऐक्ट! परिजनों का दावा है कि परिवार की बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. लेकिन पुलिस फिलहाल इसकी पुष्टि से बच रही है. हालांकि रेप की बात उसने मानी है. वहीं उसने POCSO ऐक्ट को हटाने का फैसला भी किया है. आजतक के मुताबिक ADG प्रेम प्रकाश ने इसकी वजह बताते हुए कहा,
"हमें किशोरी के मोबाइल से उसका जन्म प्रमाणपत्र मिला है. उसमें उसकी जन्म तिथि जून 1996 दर्ज है. इसके मुताबिक किशोरी नाबालिग नहीं है, इसलिए हम इस केस से POCSO ऐक्ट को हटा रहे हैं. किशोरी के साथ हुए रेप के मामले में हम डॉक्टरों से सलाह ले रहे हैं. पोस्टमॉर्टम के आधार पर डॉक्टरों का कहना है कि किशोरी के शरीर पर मिले चोटों के निशान और बॉडी फ्लूड से ये पता चलता है कि उसका रेप और हत्या एक ही शख्स ने की है."
पुलिस अधिकारी ने कहा कि गैंगरेप की पुष्टि अभी  तक नहीं हो सकी है. हालांकि डॉक्टर इसकी जांच कर रहे हैं.