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ईसा मसीह की मूर्ति तोड़ने और चर्च पर हमलों को लेकर पुलिस ने अब तक क्या किया?

हाल में हरियाणा समेत देश के दूसरे हिस्सों में स्थित चर्चों पर हमले हुए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर. (साभार- पीटीआई)
ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस (Christmas) अभी बीता ही है. इस बीच देश के अलग-अलग हिस्सों से चर्चों पर हमले और क्रिसमस कार्यक्रमों में बाधा पहुंचाने की खबरें आई हैं. ज्यादातर घटनाओं में उपद्रव फैलाने वाले हिंदूवादी संगठनों से जुड़े हुए हैं. कई मामलों में अब कार्रवाई की बात हो रही है. चर्च में तोड़फोड़ का मामला हरियाणा के अंबाला जिले में क्रिसमस की रात यहां की सबसे पुराने होली रिडीमर चर्च में तोड़फोड़ की गई. चर्च में लगी ईसा मसीह की मूर्ति को भी तोड़ दिया गया. इस घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग दीवार फांदकर चर्च में जाते हैं और फिर तोड़फोड़ करते हैं. अब हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बताया है कि इन दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गई हैं. इंडिया टुडे से जुड़े चंद्र प्रकाश की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच चर्च के बाहर पुलिस को तैनात कर दिया गया है.
इस पूरे मामले में अंबाला पुलिस की तरफ से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है. चर्च के फादर पतरस मुंडू की शिकायत के आधार पर ये कार्रवाई की गई है. अंबाला कैंट पुलिस थाने के SHO नरेश शर्मा ने जानकारी दी,
"सीसीटीवी फुटेज को अच्छी तरह से खंगाला जा रहा है. घटनास्थल पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की टीम पहुंच चुकी है. पुलिस इस मामले की ढंग से जांच कर रही है."
इससे पहले अंबाला की ASP पूजा डबला ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया था कि पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेगी. क्रिसमस मना रहे हिंदुओं को पीटा इधर असम की सिलचर पुलिस ने चर्च के अंदर मारपीट और बदसलूकी के आरोप में दो लोगों को हिरासत में ले लिया है. कछार जिले की DSP रमनदीप कौर ने इंडिया टुडे को बताया,
"पूरा घटनाक्रम सिलचर के एक कस्बे में 25 दिसंबर को हुआ था. हमने अब तक दो लोगों को हिरासत में लिया है, बाकी आरोपियों की तलाश जारी है. सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हमारी जांच जारी है."
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिसमस के दिन सिलचर के एक चर्च में जश्न का आयोजन किया गया था. स्थानीय लोग कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इसी बीच खुद को बजरंग दल का बताने वाले कुछ लोग चर्च में आ धमके. उन्होंने वहां मौजूद हिंदू समुदाय के लोगों के साथ मारपीट की. उन्हें क्रिसमस में शामिल ना होने की हिदायत दी.
असम के सिलचर की चर्च में क्रिसमस मना रहे लोगों को पीटा गया.
असम के सिलचर की चर्च में क्रिसमस मना रहे लोगों को पीटा गया.

इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें खुद को बजरंग दल का सदस्य बताने वाला एक उपद्रवी कहता है,
"हमें क्रिसमस से कोई दिक्कत नहीं है और उनके पास क्रिसमस मनाने का पूरा हक है. लेकिन हमें उन हिंदुओं से दिक्कत है, जो अपने धर्म के खिलाफ जाकर क्रिसमस मना रहे हैं. हिंदुओं को तो तुलसी दिवस मनाना चाहिए. तुलसी दिवस भी 25 दिसंबर को मनाया जाता है, लेकिन कोई ये बात नहीं जानता."
रिपोर्ट के मुताबिक खुद को बजरंग दल का बताने वाले इन उपद्रवियों ने चर्च बंद करने की भी धमकी दी. फिलहाल पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से चर्च को बंद करवा दिया है. इधर इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को उपदेश देने की जगह राज्य की बीजेपी सरकारों को आदेश देना चाहिए कि इस तरह की घटनाओं में शामिल आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई हो. चिंदबरम ने आगे कहा-
प्रधानमंत्री को हिंदुत्व ब्रिगेड को भी उपदेश देना चाहिए कि वो ईसा मसीह की शिक्षाओं का अनुसरण करें.
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने हरियाणा के पटौदी में 24 दिसंबर को एक स्कूल में आयोजित किए गए क्रिसमस प्रोग्राम में मचाए गए हंगामे का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा-
स्कूल में क्रिसमस का कार्यक्रम हो रहा था. वहां कुछ लोगों ने जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाए. कौन हैं ये लोग? पुलिस को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
दूसरी तरफ पटौदी के इस मामले को लेकर पुलिस पर ढीला रवैया दिखाने का आरोप लगा है. हालांकि उसकी तरफ से कहा गया कि उसे इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है. पुलिस ने कहा कि शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई की जाएगी. सैंटा का पुतला जलाया हरियाणा और असम के अलावा खुद को हिंदूवादी संगठन का बताने वाले उपद्रवियों ने उत्तर प्रदेश में भी क्रिसमस के दिन हंगामा काटा. क्रिसमस के दिन कथित रूप से बजरंग दल और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के लोगों ने आगरा के सेंट जॉन कॉलेज के सामने सैंटा क्लॉज का पुतला फूंका और 'सैंटा क्लॉज मुर्दाबाद' के नारे लगाए. इन लोगों का कहना था कि वो क्रिसमस के दिन ईसाई मिशनरियों द्वारा हिंदुओं के कथित धर्म परिवर्तन का विरोध कर रहे हैं. इन लोगों ने ईसाई मिशनरियों के खिलाफ कार्रवाई की धमकी भी दी.
इसी तरह से वाराणसी में भी सैंटा क्लॉज का पुतला फूंका गया. अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिसमस के दिन वाराणसी के एक चर्च के बाहर खुद को हिंदूवादी संगठनों का सदस्य बताने वालों ने सैंटा क्लॉज का पुतला जलाया और 'चर्च मुर्दाबाद' के साथ-साथ 'ईसाई मिशनरियों होश में आओ' के नारे लगाए. अनूप श्रमिक नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने रॉयटर्स के बताया कि उन्होंने करीब दो दर्जन लोगों को सैंटा क्लॉज का पुतला जलाते देखा. इस मामले में भी पुलिस पर आरोप लगा है कि उसने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.