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चिन्मयानंद ने पूछा, क्या योगी सिर्फ मोदी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए हैं?

रिटायर हो रहे अधिकारी को यूपी का मुख्य सचिव बनाए जाने पर सवाल उठाए.

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बाएं से दाएं. बीजेपी के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: PTI)
तीन बार के पूर्व बीजेपी सांसद और देश के पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की तैनाती और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक महत्व पर सवाल उठाए हैं. ये सवाल उन्होंने 31 दिसंबर को की गई एक फेसबुक पोस्ट के जरिए उठाए हैं. इंडिया टुडे से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, चिन्मयानंद ने पुष्टि भी की है कि वो पोस्ट उन्होंने ही लिखी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी फेसबुक पोस्ट में चिन्मयानंद ने रिटायर हो रहे अधिकारी को सेवा विस्तार देकर उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव बनाने के औचित्य पर सवाल उठाया. उन्होंने लिखा,
"साल के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में फेर बदल चौंकाने वाला है. मुख्य सचिव पद पर तमाम योग्य प्रशासनिक अधिकारियों के होने के बावजूद भी एक अवकाश प्राप्त अधिकारी को सेवा विस्तार देकर प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया जाना क्या उचित है."
चिन्मयानंद ने अपनी पोस्ट में आगे योगी आदित्यनाथ के महत्व पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा,
"क्या यह योगी आदित्यनाथ का निर्णय है या किसी और का. इतना ही नहीं, तमाम जिलों में जिला अधिकारियों के स्थानांतरण भी इसी बूढ़े अधिकारी के निर्देश पर हुए हैं? क्या मोदी अब केंद्र के विभिन्न विभागों की तरह उत्तर प्रदेश का शासन भी इन्हीं के बल पर चलाएंगे. क्या योगी सिर्फ मोदी की सभाओं में भीड़ जुटाने का कारिंदा मात्र रह गए हैं? गुजरात, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न चुनावों में आपको महिमा मंडित करने वाला आपका यह संत सिपाही क्या अब आपके काम का नहीं रह गया?"
अपनी इस पोस्ट पर चिन्मयानंद ने इंडिया टुडे से जुड़े संतोष शर्मा से विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि वो पोस्ट उन्होंने ही लिखी है. रिपोर्ट के मुताबिक, चिन्मयानंद ने यह भी कहा कि उन्होंने सिर्फ रिटायर हो रहे अधिकारी को मुख्य सचिव बनाए जाने के औचित्य पर सवाल किया है. व्यवस्था से उनका कोई विरोध नहीं है. चिन्मयानंद ने कहा कि केंद्र में जिस तरह से महत्वपूर्ण विभागों में रिटायर हो रहे अधिकारियों को सेवा विस्तार देकर तैनाती दी जा रही है, क्या उत्तर प्रदेश में भी केंद्र की ही तर्ज पर यह फैसला लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से रिटायर हो रहे अधिकारी को मुख्य सचिव बनाया जा रहा है, वो लंबे समय से उत्तर प्रदेश से बाहर रहे हैं, तो क्या ऐसे में चुनाव से पहले उन्हें प्रदेश का प्रशासनिक नेतृत्व सौंपा जाना चाहिए.
Chinmayanad की फेसबुक पोस्ट.
Chinmayanad की फेसबुक पोस्ट.

चिन्मयानंद के खिलाफ एक लॉ छात्रा ने रेप के आरोप लगाए थे. हालांकि एक विशेष अदालत ने इस साल मार्च में चिन्मयानंद को बरी कर दिया था. चिन्मयानंद ने भी छात्रा और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ वसूली के आरोप लगाए थे. कोर्ट ने इन आरोपों में छात्रा और उसके रिश्तेदारों को बरी कर दिया था.