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क्या मोदी सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने वाली है? सरकार ने ये जवाब दिया है

राजस्थान सरकार द्वारा OPS शुरु करने के फैसले के बाद हुई बहस

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पुरानी पेंशन योजना और NPS में जमीन-आसमान का फर्क है. (सांकेतिक तस्वीर: PTI)
केंद्र सरकार नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने पर फिलहाल विचार नहीं कर रही है, ऐसा सरकार ने खुद राज्यसभा में बताया है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सांसदों ने इस संबंध में सरकार से सवाल पूछा था. सांसदों ने कहा कि राजस्थान सरकार ने 23 फरवरी को नई पेंशन स्कीम को खत्म करने और सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत लाने की बात कही है. ऐसे में क्या केंद्र सरकार भी नई पेंशन स्कीम को खत्म कर सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करेगी? सांसदों ने ये भी पूछा कि अगर सरकार ऐसा करने का मन बना रही है, तो क्या कदम उठाए जाएं. वहीं अगर सरकार ऐसा नहीं करना चाहती, तो उसके पीछे के कारण क्या हैं? केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉक्टर भागवत कराड ने इस सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि 23 फरवरी को राजस्थान सरकार ने अपने बजट भाषण में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की बात कही. ये व्यवस्था राजस्थान सरकार के उन कर्मचारियों के लिए लागू की जाएगी, जिनकी नौकरी 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद शुरू हुई. डॉक्टर भागवत कराड ने आगे बताया कि केंद्र सरकार इस संबंध में कोई विचार नहीं कर रही है. दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने साल 2003 में पुरानी पेंशन व्यवस्था को खत्म कर दिया था. जिसके बाद 1 अप्रैल, 2004 को अटल सरकार नई पेंशन स्कीम लेकर आई थी, जो आजतक लागू है. समय-समय पर सरकारी कर्मचारी इस नई पेंशन स्कीम का विरोध करते रहे हैं. साल 2022 के बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NPS के तहत राज्य कर्मचारियों के लिए एम्प्लॉयर यानी सरकार की तरफ से जमा किए जाने वाले हिस्से में बढ़ोतरी की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था सरकार की तरफ से अब NPS में 10 फीसदी की जगह 14 फीसदी का योगदान किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के बीच समानता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. इस तरह का प्रावधान पहले केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए था. NPS और OPS में अंतर दरअसल, NPS वो योजना है कि जिसके तहत कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है. इस पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा कर्मचारी एकमुश्त ले सकते हैं, वहीं 40 फीसदी हिस्सा मासिक आधार पर दिया जाता है. नेशनल पेंशन सिस्टम 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों पर लागू होता है. इससे पहले के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन सिस्टम के तहत की पेंशन मिलती है. नेशनल पेंशन सिस्टम और ओल्ड पेंशन सिस्टम में भी जमीन-आसमान का अंतर है. जहां एक तरफ पुरानी योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन लेने के लिए अपनी तरफ से एक भी पैसा नहीं देना पड़ता, वहीं नई योजना के तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से हर महीने 10 फीसदी की कटौती होती है. इसके तहत सरकार की तरफ से भी योगदान दिया जाता है.