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दिल्ली पुलिस के अधिकारी घूस लेने बदायूं आए, यूपी पुलिस ने पकड़कर हवालात में डाल दिया!

12 लाख में तय हुई थी डील!

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रिश्वतखोरी के आरोप में दबोचे गए दिल्ली पुलिस के सब इंन्स्पेक्टर और सिपाही (बाएं सफेद और लाल कपड़ों में), बदायूं के एसपी ग्रामीण सिद्धार्थ वर्मा (फोटो: आजतक)
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का बदायूं (Budaun). डेट 14 मार्च 2022. एक वकील से रिश्वत लेने आए दिल्ली पुलिस के दरोगा व सिपाही समेत चार लोगों को यूपी पुलिस (UP Police) ने ट्रैपिंग के बाद धर दबोचा. जांच के बाद पकड़ी गई महिला सिपाही व ड्राइवर को हिदायत देकर छोड़ा गया है, जबकि दरोगा व सिपाही के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. अधिवक्ता से वसूले गए 1.60 लाख रुपये भी आरोपियों के पास से बरामद हुए हैं. मामला क्या है? आजतक से जुड़े अंकुर चतुर्वेदी से मिली जानकारी के मुताबिक, बरेली के थाना शाही इलाके के गांव आनंदपुर के निवासी राजू का दिल्ली के कालकाजी थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. पिछले साल नवंबर में युवती राजू के साथ भाग गई. युवती के परिजनों ने राजू के खिलाफ कालकाजी थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया. इस केस की जांच कालकाजी की क्राइम ब्रांच में तैनात सब-इंस्पेक्टर पवन राणा कर रहे थे.
इस बीच राजू ने बदायूं की कॉलोनी आवास विकास के रहने वाले वकील नेकपाल सिंह से शादी से संबंधित दस्तावेज तैयार कराये थे. रविवार, 13 मार्च की सुबह दिल्ली पुलिस के दरोगा पवन राणा, सिपाही कुलदीप यादव, एक महिला सिपाही और कार ड्राइवर के साथ बरेली में राजू के घर दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया. जब राजू ने शादी संबंधित दस्तावेज दिखाये तो पवन राणा वकील नेकपाल के घर पहुंच गये. जहां उन्होंने वकील पर आरोप लगाया कि उन्होंने शादी के दस्तावेज फर्जी तरीके से बनाये हैं, जिसमें उन्हें भी जेल जाना होगा. 12 लाख में तय हुई डील दरोगा पवन राणा ने वकील नेकपाल को फर्जी कागज बनाने के जुर्म में केस करने की धमकी दी, और कहा कि अगर बचना है तो 15 लाख रुपये देने होंगे. काफी देर बाद 12 लाख में सौदा हो गया. सौदे के तहत दो लाख रुपये सोमवार 14 मार्च को देने थे और बाकी 10 लाख रुपये अगले दिन 15 मार्च देने की बात तय हुई थी. अधिवक्ता नेकपाल ने सोमवार सुबह जिला बार एसोसिएशन के सचिव संदीप मिश्रा को पूरा मामला बताया तो सचिव उन्हें एसएसपी डॉ. ओपी सिंह के पास ले गए. यहां एसएसपी ने पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के बाद एसडीएम सदर व सीओ सिटी आलोक मिश्रा को ट्रैपिंग का निर्देश दिया. अधिवक्ता ने पांच सौ रुपये के नोट जोड़कर कुल 1.60 लाख रुपये जुटाए . इन सभी नोटों के नंबर भी पुलिस टीम ने अलग से लिख लिए थे. रंगे हाथों पकड़ा सोमवार दोपहर को दरोगा पवन राणा और सिपाही कुलदीप यादव कार से अधिवक्ता के पास पहुंचे और रकम मांगी. दोनों ने अधिवक्ता से उसावां रोड पर सिंग्लर मिशन स्कूल के पास रकम ली और चलते बने. बाकि के 10.40 लाख रुपये कल हर हाल में देने को भी कहा. रिश्वत लेने के बाद इन लोगों ने कार दौड़ा दी, लेकिन कुछ दूरी पर बाइक से एसडीएम और सीओ सिटी अपनी टीम के साथ इनका पीछा कर रहे थे. दातागंज तिराहे के पास घेराबंदी के बाद कार पकड़ ली और उसमें से रकम बरामद हो गई. दरोगा के पास से रिवाल्वर बरामद की गई है. थाने लाकर सभी का बयान दर्ज किया गया, बाद में महिला सिपाही और ड्राइवर को छोड़ दिया गया. वहीं, दरोगा और सिपाही के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.
रिश्वत के साथ गिरफ्तार किए गए दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर पवन राणा. (फोटो: आजतक)
रिश्वत के साथ गिरफ्तार किए गए दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर पवन राणा. (फोटो: आजतक)

पुलिस ने क्या कहा? बदायूं के एसपी ग्रामीण सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि थाने लाकर सभी का बयान दर्ज किया गया, बाद में महिला सिपाही और ड्राइवर को छोड़ दिया गया. दरोगा और सिपाही के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस टीम ने नोटों की संख्या का भी मिलान कर लिया है, सारे नोट वही हैं जो अधिवक्ता ने लिखाए थे. दोनों के खिलाफ धारा 467, 468, 471 (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ) के तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई है.