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लखीमपुरी खीरी: केंद्रीय मंत्री के बेटे के ऊपर किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप, दो की मौत

आठ किसान घायल. गुस्साए किसानों ने गाड़ियों में लगाई आग.

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गुस्साए किसानों ने मोनू मिश्रा की गाड़ियों में आग लगा दी.(फोटो: इंडिया टुडे)
उत्तर प्रदेश के लखीमपुरी खीरी में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के काफिले को काला झंडा दिखाने की तैयारी कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ियां चढ़ाने का मामला सामने आया है. इससे दो किसानों की मौत हो गई और आठ घायल बताए जा रहे हैं. गाड़ी चढ़ाने का आरोप लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष उर्फ मोनू मिश्रा पर है. घटनाक्रम के बाद मोनू मिश्रा की तीन गाड़ियों में आग लगा दी गई.
इंडिया टुडे से जुड़े अभिषेक वर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में पहुंचने वाले थे. उनके पहुंचने से पहले कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान काले झंडे लेकर पहुंच गए. वहां उनकी बीजेपी नेताओं से झड़प हुई. आरोप है कि इसी झड़प के दौरान मोनू मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी. जिसके बाद किसानों ने मोनू मिश्रा की तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.
प्रदर्शनकारियों द्वारा गाड़ी में लगाई गई आग.
प्रदर्शनकारियों द्वारा गाड़ी में लगाई गई आग.
पुलिस का क्या कहना है? इस पूरे मामले पर एडीजी जोन लखनऊ एसएन साबत का बयान आया है. उन्होंने दो लोगों की मौत की पुष्टि की है. साथ ही साथ बताया है कि इस पूरे घटनाक्रम में तीन लोग घायल हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मौके पर आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह को भेजा गया है. वहीं आसपास के थानों के पुलिस बल को भी लगाया गया है. किसान क्या कह रहे हैं? संयुक्त किसान मोर्चा ने भी इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है. एक ट्वीट में संगठन ने कहा,
"उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के कार्यक्रम का विरोध कर रहे सड़क के किनारे खड़े किसानों पर मंत्री के काफिले की गाड़ियां द्वारा कुचले जाने पर 2 किसानों की मौत हो गयी है व 8 किसान गंभीर जख्मी है. स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस गाड़ी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी का बेटा व अन्य नजदीकी सवार थे. यह किसी आतंक से कम नहीं है. इस देश के अन्नदाता के साथ ऐसा व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बयान जारी कर यह भी कहा गया है कि वो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, उनके बेटे मोनू मिश्रा और किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने वाले मोनू के साथियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करे. मोर्चा ने अपील की है कि जब तक यह मुकदमा दर्ज ना हो, तब तक मृतक प्रदर्शनकारियों का अंतिम संस्कार ना किया जाए.
वहीं भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट किया,
लखीमपुर खीरी में आंदोलन कर रहे किसानों को गृह राज्य मंत्री टेनी के बेटे ने गाड़ी से रौंदा 3 किसानों की मौत तेजेंद्र सिंह विर्क के भी घायल होने की सूचना है राकेश टिकैत जी गाजीपुर से निकल रहे हैं. नेता क्या कह रहे हैं? उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया
"कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को बीजेपी सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है. उत्तर प्रदेश भाजपाइयों का जुल्म अब और नहीं सहेगा. यही हाल रहा तो उत्तर प्रदेश में भाजपाई ना गाड़ी से चल पाएंगे, ना उतर पाएंगे."
RLD के नेता जयंत चौधरी ने भी इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी है. कहा,
"लखीमपुर खीरी से दिल दहलाने वाली खबरें आ रही हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का काफिला आंदोलनकारी किसानों पर चढ़ा दिया गया. दो किसानों की मौत हो गई और कई घायल हैं. विरोध को कुचलने का काला कृत्य जो किया है, साजिश जब गृह मंत्री रच रहे हैं, फिर कौन सुरक्षित है?"
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 
जो इस अमानवीय नरसंहार को देखकर भी चुप है, वो पहले ही मर चुका है। लेकिन हम इस बलिदान को बेकार नहीं होने देंगे- किसान सत्याग्रह ज़िंदाबाद!

 

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के फाउंडर ओम प्रकाश राजभर ने कहा,
"लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर भाजपा सरकार के गृह राज्य मंत्री टेनी के बेटे ने गाड़ी से रौंदा, कई किसानों की मौत एवं कई घायल! तानाशाही भाजपा सरकार ऑंदोलन नहीं कुचल पाई तो किसानों कोही कुचल बदला ले रही है! हर ज़ुल्म का हिसाब अब जनता करेगी."

 

वहीं इससे पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने खुद कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को धमकी दी थी. 25 सितंबर को पलिया विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में अजय मिश्रा ने किसान आंदोलन पर सवाल उठाए थे. कहा था कि अगर किसान आंदोलन सच्चा है तो बीते 10 से 11 महीनों में ये पूरे देश में क्यों नहीं फैल गया. इसी दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से था कि कहा कि वो अगर सड़क पर उतर आए तो विरोध करने वालों को दो मिनट में सुधार देंगे.