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9 लोगों का शिकार कर चुका था आदमखोर बाघ, STF ने खेत में घेरकर मार गिराया

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने आदमखोर बाघ को जान से मारने की अनुमति दी थी.

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प्रतिकात्मक तस्वीर. (आजतक)

बिहार के पश्चिमी चंपारण में शनिवार, 8 अक्टूबर को आदमखोर बाघ (Bihar man eater Tiger) को मार गिराया गया. बाघ को मारने के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को तैनात किया गया था. इसके बाद STF ने बाघ को एक खेत में घेर लिया. शूटर्स ने बाघ को 4 गोलियां मारीं इसके बाद बाघ की मौत हो गई.  

वाल्मीकि टाईगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) के इस आदमखोर बाघ ने शुक्रवार, 7 अक्टूबर सुबह दो महिलाओं पर हमला कर उनकी जान ले ली. पिछले 6 महीने में ये बाघ 10 लोगों पर हमला कर चुका था. इनमें से 9 लोगों की जान चली गई.

इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने आदमखोर बाघ को जान से मारने की अनुमति दे दी. आजतक की खबर के मुताबिक वन विभाग की टीम बीते 25 दिनों से बगहा के जंगलों में बाघ की तलाश कर रही थी. टीम में शामिल बिहार वन विभाग के सीनियर अधिकारियों ने बताया कि बाघ किसी दूसरे बाघ की टेरेटरी में आ गया था. इसके कारण वो जंगल में नहीं जा पा रहा था.

जंगल में न जा पाने के कारण ही वो गांव के आस-पास घूम रहा था. बाघ 10 लोगों पर अब तक हमला कर चुका था. इसके बाद NTCA से बाघ को मारने की परमिशन ली गई. अनुमति मिलते ही बाघ को खेत में घेरकर शूटर्स ने मार गिराया गया है.  

बाघ जिस इलाके में सक्रिय था, वह पूरा इलाका आदिवासी उरांव और थारू जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है. इन लोगों का जीवन यापन मुख्यरूप से जंगल पर ही निर्भर है. ऐसे में लोगों का जंगल में रोज का आना-जाना रहता है, लेकिन बाघ के लगातार हो रहे हमलों की वजह से लोगों को दिक्कत आ रही थी.

आजतक की खबर के मुताबिक 8 मई 2022 को बाघ ने पहली बार हमला किया था. तब भी एक शख्स की मौत हो गई थी. फिर लगातार हो रहे बाघ के हमलों से गुस्साए ग्रामीणों ने वन क्षेत्र कार्यालय पर पथराव किया. लोगों की मांग थी कि बाघ को या तो पकड़ा जाए या मार दिया जाए. गुस्साए लोगों ने कार्यालय पर तैनात पुलिस वालों की भी पिटाई कर दी थी.

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