The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

देशद्रोह के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शरजील इमाम को जमानत दी

इमाम के ऊपर भड़काऊ बयानबाजी और दिल्ली दंगों की साजिश रचने के भी आरोप हैं.

post-main-image
इसपर कोर्ट का पूरा आदेश आना बाकी है. (फोटो: PTI)
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में देश विरोधी बयानबाजी करने के आरोप में JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम को जमानत मिल गई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 27 नवंबर को ये जमानत दी है. इंडिया टुडे से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट की तरफ से अभी विस्तृत जमानत आदेश सामने नहीं आया है.
दरअसल, CAA और NRC के खिलाफ साल 2019 के आखिर में दिल्ली के शाहीन बाग में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था. इस विरोध प्रदर्शन के आयोजनकर्ताओं में शरजील इमाम का नाम भी शामिल था. शाहीन बाग के पास भाषण देते हुए शरजील इमाम के कई वीडियो वायरल हुए थे. दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले शरजील इमाम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी भाषण दिए थे.
आरोप हैं कि इमाम ने अपने भाषण में देश के हिस्सों को काटने की बात कही. खासकर भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से को अलग करने की. इसके बाद मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने इमाम के खिलाफ FIR दर्ज कर लीं. असम और अरुणाचल प्रदेश के मामले में भी इमाम को जमानत मिल चुकी है. दिल्ली दंगो का भी आरोप शरजील इमाम के ऊपर दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनीवर्सिटी के बाहर भड़काऊ भाषण देने के भी आरोप हैं. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने इमाम के ऊपर देशद्रोह का आरोप लगाया था. पुलिस का कहना था कि इमाम की भड़काऊ बयानबाजी के चलते जामिया मिलिया इलाके में दंगे हुए.
Sharjeel Imam को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था.
Sharjeel Imam को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था.

इसी दौरान उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में भी इमाम के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी. यहां पर भी इमाम के खिलाफ देशद्रोह और भड़काऊ बयानबाजी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद शरजील इमाम को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया था.
शरजील इमाम फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. इमाम के ऊपर दिल्ली दंगो की साजिश रचने के साथ-साथ जामिया प्रोटेस्ट के दौरान हुई हिंसा को भड़काने का भी आरोप है.
इससे पहले शरजील इमाम की तरफ से दिल्ली की साकेत कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने इमाम की याचिका को रद्द कर दिया था. अपने बचाव में शरजील इमाम की तरफ से बार-बार यही कहा जा रहा है कि उनके ऊपर दायर किए गए मुकदमे कानून के अनुरूप नहीं है.
शरजील इमाम के अलावा CAA-NRC प्रोटेस्ट में शामिल अन्य छात्रों को भी गिरफ्तार किया गया था. इनके ऊपर UAPA जैसे कानूनों के तहत मुकदमे दायर किए गए. इन छात्रों में एक प्रमुख नाम JNU के ही पूर्व छात्र उमर खालिद का है.