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यति और रिजवी गिरफ्तार हुए तो टल गई अलीगढ़ 'धर्म संसद'

धर्म संसद के नाम से हुए कार्यक्रम भड़काऊ भाषणों की वजह से चर्चा में रहे हैं.

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यति नरसिंहानंद और अन्नपूर्णा भारती. (फोटो- आजतक)
पिछले कुछ दिनों से 'धर्म संसद' का जिक्र खबरों में लगातार हो रहा है. पहले हरिद्वार 'धर्म संसद' और फिर रायपुर 'धर्म संसद'. दोनों ही धर्म संसदों धर्म के नाम पर विवादित भाषण दिए गए. जिसके चलते इनमें हिस्सा वाले कई लोग जेल में हैं. ऐसा ही एक 'धर्म संसद' कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में होना था. फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया है. ये कार्यक्रम 22 और 23 जनवरी को होना था. क्यों स्थगित हुई अलीगढ़ 'धर्म संसद'? अलीगढ़ धर्म संसद की आयोजक और हरिद्वार में भड़काऊ भाषण देने की आरोपी अन्नपूर्णा भारती उर्फ शकुन पांडे ने बताया,
"कोरोना की गाइडलाइन्स के हिसाब से धर्म संसद में लोग ज्यादा रहेंगे. इसके अलावा अलीगढ़ में पहले चरण में चुनाव होने हैं. लेकिन मुख्य वजह ये है कि मेरे धर्म योद्धा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती और जितेंद्र नारायण त्यागी फिलहाल उत्तराखंड पुलिस कस्टडी में हैं. धर्म संसद निश्चित तौर पर होगी लेकिन इनके जेल से छूटने के बाद. धर्म संसद की तारीख बैठक के बाद तय किया जाएगा."
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अन्नपूर्णा भारती. (फोटो- आजतक)

आपको बता दें कि यति नरसिंहानंद सरस्वती और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी हरिद्वार धर्म संसद में दिए भड़काऊ बयानों की वजह से ही गिरफ्तार किए गए थे. यति नरसिंहानंद के ऊपर एक धर्म विशेष की महिलाओं के खिलाफ अपमानजक टिप्पणी करने का भी आरोप है. क्या हुआ था हरिद्वार धर्म संसद में? हरिद्वार में पिछले साल 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया गया था. ये आयोजन यति नरसिंहानंद की अध्यक्षता में हुआ. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. भड़काऊ बयानबाजी की गई. धर्मदास और अन्नपूर्णा भारती समेत कई लोगों ने अल्पसंख्यकों पर आपत्तिजनक भाषण दिए. नरसंहार के नारे लगाए. इन विवादित भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए इनमें धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, एक विशेष समुदाय के व्यक्ति को प्रधानमंत्री ना बनने देने और एक विशेष समुदाय की आबादी न बढ़ने देने का जिक्र है.
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आलोचना के बाद भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया. जिसके बाद पहले जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी हुई और उसके बाद यति नरसिंहानंद की. पुलिस ने इस मामले में अन्नपूर्णा भारती के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. इन सबके खिलाफ IPC की धारा 153 A (धर्म, भाषा, नस्ल आदि के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.