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तारीख: INS खुकरी के कप्तान कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला की कहानी!

इत्तेफ़ाक देखिए कि जब बारी आई, इस पिता ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया.

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"अपने सर्वश्रेष्ठ कार्यों को कभी बलिदान का नाम नहीं देना. अगर कोई किसी मकसद के लिए लड़ता है, तो वो इसलिए क्योंकि वो चीजों के वर्तमान ढर्रे से संतुष्ट नहीं है"

ये बात कही थी एक पिता ने अपनी बेटी से. इत्तेफ़ाक देखिए कि जब बारी आई, इस पिता ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया. और बलिदान भी ऐसा जिसकी भारत के पूरे इतिहास में दूसरी मिसाल नहीं है. हम बात कर रहे हैं कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला की. भारतीय नेवी के इकलौते अफ़सर, जिन्होंने अपनी शिप को आख़िरी समय तक नहीं छोड़ा और उसके साथ ही जलसमाधि ले ली. पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो. 

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