बलवंत राय मेहता: गुजरात का वो नेता जिसने देश को पंचायती करना सिखाया
ऐसा मुख्यमंत्री जो भारत-पाक युद्ध में शहीद हो गया.
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जब जालियां वाला बाग़ में डायर गोलियां बरसा रहा था, गुजरात के भावनगर में एक छात्र अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था. उस समय आज की तरह इंटरनेट नहीं था. अखबारों में 15 दिन पुरानी घटना ताज़ा खबर की तरह छपा करती थी. जब कुछ दिन में इस जनसंहार की खबर उस छात्र को मिली तो उसका मन पढ़ाई से उचट गया. एक साल बाद 1920 में उसकी ग्रेजुएशन पूरी हुई. जब नतीजे आए तो वो हर विषय में पास था. उसने अंग्रेज सरकार की दी हुई डिग्री लेने से मना कर दिया. इस समय उसकी उम्र महज 20 साल थी. उसने कॉलेज से निकलने के बाद लाला लाजपतराय के संगठन ‘सर्वेंट ऑफ़ पीपल’ की सदस्यता ले ली. इस छात्र का नाम था बलवंतराय मेहता. सुनिए इनकी पूरी कहानी.
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