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तारीख: महात्मा बुद्ध के अवशेषों के लिए क्यों मची थी लूट?

आज़ादी के बाद जब ज़मींदारी उन्मूलन कानून लागू हुआ तो हम्फ्रे भारत आये. उन्होंने बर्दपुर एस्टेट सरकार के हाथ सौंपा और पिपरहवा स्तूप की सम्पति और ज़िम्मेदारी भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण के हिस्से आई.

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महात्मा बुद्ध, जिन्हें आगे चलकर करोड़ों लोगों ने अपने जीवन में उतारा इनके मध्यम-मार्ग के सिद्धांत ने दुनियाभर को सिंथेसिस का मूल सिखाया जब बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ तो उनकी अस्थियां उनसे जुड़े कुछ स्थानों पर रखी गई. इन्हीं में से एक जगह भारत नेपाल सीमा पर है - पिपरहवा. आज पिपरहवा के स्तूप के अवशेष पूरी दुनिया से होते हुए 127 साल बाद भारत लौटे हैं. कौन ले गया था ये अवशेष? कैसे मिले बुद्ध की विरासत के मनके? क्या है इनका ब्रिटिश और थाईलैंड कनेक्शन? और क्यों हमारी साझी विरासत की धरोहर है बुद्ध के अस्थि कलश? जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.

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